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नीरव मोदी की पत्नी ने हनी ट्रैप के जरिए फंसाए थे बैंक के अधिकारी

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Feb 19 2018 10:53AM | Updated Date: Feb 19 2018 12:13PM
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नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक में करोड़ों के घोटाले में हनी ट्रैप का इस्तेमाल किए जाने की खबर सामने आ रही है। सीबीआई सूत्रों का कहना है कि मुख्य आरोपी नीरव मोदी की पत्नी एमी मोदी ने पीएनबी के अधिकारियों को अवैध काम कराने के लिए हनी ट्रैप के जरिये फंसाया। इसके लिए तीन मॉडल की सेवा लिए जाने की बात सामने आई है। पूर्व सेवानिवृत्त अधिकारी गोकुलनाथ शेट्टी पीएनबी की ब्रीच कैंडी शाखा के उप प्रबंधक थे। 
 
सीबीआई ने सबसे पहले शेट्टी को धर दबोचा। उससे पहले शुक्रवार शाम को ही सीबीआई शेट्टी के पश्चिमी उपनगर में मलाड स्थित उसके घर की छानबीन भी की थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, नीरव ने पिछले साल आईपीओ के लिए बैंकर्स की नियुक्ति की थी और गीतांजलि जेम्स के नक्षत्र वर्ल्ड को आईपीओ के लिए पिछले साल नवंबर में बाजार नियामक आयोग सेबी से हरी झंडी भी मिल गई थी। आईपीओ लाने के बाद यह घोटाला उजागर होता तो निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ता।
 
रोज हो रहे हैं नए खुलासे
11400 करोड़ के महाघोटाले में पहली तीन गिरफ्तारियां हो गई हैं और यकीनन हर गुजरते दिन के साथ और राज खुलेंगे। लेकिन जी न्यूज आपको बताने जा रहा है कि घोटाले में कैसे मॉडल्स को हनी ट्रैप बनाकर इस्तेमाल किया गया। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक इस पूरे घोटाले में नीरव मोदी की अमेरिकन पत्नी ऐमी मोदी की अहम भूमिका रही।
 
शेट्टी का ट्रांसफर रुकवाया  
पीएनबी की ब्रैडी फोर्ड ब्रांच के जिस पूर्व डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी का 2013 में ट्रांसफर इस ब्रांच से किया जाना था जिसे रुकवा दिया गया। 2015 में पांच साल पूरे होने पर भी उसका ट्रांसफर नहीं किया। सीबीआई ये पता लगा रही है कि किसके इशारे पर शेट्टी का ट्रांसफर रोका गया। क्या शेट्टी के ट्रांसफर को रुकवाने में भी मॉडल्स और हनीट्रैप का इस्तेमाल हुआ? 
 
200 फर्जी कंपनियां ईडी और आयकर के निशाने पर
ईडी और आयकर के निशाने पर कम से कम 200 फर्जी कंपनियां और बेनामी संपत्तियां हैं जिनका इस्तेमाल धोखाधड़ी के हिस्से के रूप में धन को भेजने या हासिल करने में किया जाता था। इस बात का भी संदेह है कि इन मुखौटा कंपनियों का इस्तेमाल आरोपी धन शोधन करने और जमीन, सोना और बेशकीमती रत्नों के रूप में बेनामी संपत्ति खरीदने में कर रहे थे। ये जांच एजेंसियां पीएनबी में 11 हजार 400 करोड़ की  धोखाधड़ी की जांच कर रही हैं, जिसमें हीरा कारोबारी नीरव मोदी, उनके बिजनस पार्टनर मेहुल चौकसी और अन्य के शामिल होने का आरोप है। प्रवर्तन निदेशालय ने मोदी, चौकसी और उनकी कंपनियों की चौथे दिन तलाशी जारी रखी। 
 
ईडी ने रविवार को देशभर में आभूषण शोरूम और कार्यशालाओं समेत कम से कम 45 परिसरों पर छापेमारी की। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, आयकर विभाग ने मोदी, उनके परिवार के सदस्यों और कंपनियों की जिन 29 संपत्तियों को अस्थायी तौर पर कुर्क किया है, उसका पीएमएलए के तहत ईडी आकलन कर रही है। शीघ्र कुछ और संपत्तियों को भी कुर्क किया जाएगा।   सूत्रों ने बताया कि ईडी और आयकर विभाग ने मामले की जांच के लिए विशेष दलों का गठन किया था। ईडी ने अब तक मामले में 5674 करोड़ रुपये के हीरे, सोने के जेवर और बेशकीमती रत्न जब्त किए हैं। 

आठ सौ करोड़ के कर्जदार कोठारी बोले- देश छोड़कर नहीं भाग रहा
कानपुर। रोटोमैक पेन बनाने वाली कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी के बारे में दावा किया जा रहा है कि कोठारी भी देश छोड़कर भाग गए हैं। उन पर विभिन्न बैंकों के 800 करोड़ रुपए का कर्ज है। इसी बीच कोठारी ने बताया है कि वह कानपुर में हैं और यहीं रहेंगे। उन्होंने कहा कि बैंकों से लिए गए कर्ज का केस नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के पास है। इसके इतर क्रेडिट कमिटी से लोन चुकाने के बारे में बातचीत जारी है। 
 
यह है मामला 
कानपुर के जाने-माने कारोबारी विक्रम कोठारी पेन बनाने वाली अग्रणी कंपनी रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड के मालिक हैं। उन्होंने काफी साल पहले कानपुर की 5-6 बैंकों से अरबों रुपये का बिजनेस लोन लिया था। जानकारी के मुताबिक, इलाहाबाद बैंक से ब्याज मिलाकर यह कर्ज करीब 352 करोड़ रुपये और यूनियन बैंक आॅफ इंडिया से यह रकम तकरीबन 485 करोड़ रुपए है। कुछ और बैंकों से भी अरबों रुपये का कर्ज लिया गया था। 
 
बिजनेस में नुकसान के बाद लोन की रिकवरी नहीं हो पाई। रिकवरी के लिए जब बैंकों ने लोन के लिए बंधक रखी गईं संपत्तियों को अटैच करने की प्रक्रिया शुरू की तो कोठारी पूरा मामला एनसीएलटी ले गए। एनसीएलटी की शरण में जाकर कोठारी अपनी निजी संपत्तियों को नीलामी से बचाना चाहते हैं। इस पूरे मामले में एनसीएलटी 22 फरवरी को सुनवाई करेगा। 

शेट्टी का कबूलनामा,  बैंक गारंटी जारी करने के बदले मिलती थी रिश्वत
देश के दूसरे सबसे बड़े बैंक पंजाब नेशनल बैंक में हुए साढ़े 11 हजार करोड़ के घोटाले में बड़ा खुलासा हुआ है। कल गिरफ्तार किए गए पीएनबी के पूर्व डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी ने कबूल किया है कि उसे गारंटी (लेटर आॅफ अंडरटेकिंग) जारी करने के बदले रिश्वत मिलती थी और एलओयू के अमाउंट के आधार पर परसेंटेज फिक्स था। सीबीआई से पूछताछ में गोकुलनाथ शेट्टी ने ये खुलासा किया है। 
 
आपको बता दें कि गोकुलनाथ शेट्टी वही अधिकारी है जिसने बैंक गारंटी दी थी। शेट्टी ने पूछताछ के दौरान कुछ और बैंक अधिकारियों के शामिल होने की बात कही। बयान के आधार पर सीबीआई इन अधिकारियों को पूछताछ के लिए बुलाने जा रही है। सीबीआई ने शनिवार आधी रात में गिरफ्तार किए गए तीन आरोपियों से घंटों पूछताछ की। इनकी पूछताछ के आधार पर पंजाब नेशनल बैंक से अहम दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं। सीबीआई तीनों को उसी ब्रांच में लेकर पहुंची जहां घोटाला हुआ।
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