मुम्बई। खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत से डेढ़ गुणा करने के बारे में बजट में की गई घोषणा से महंगाई बढ़ने और इक्विटी निवेश में एक लाख रुपए से अधिक के दीर्घावधि पूँजीगत लाभ पर 10 प्रतिशत कर लागू किए जाने से सहमे निवेशकों ने जमकर बिकवाली की जिससे घरेलू शेयर बाजार धराशायी हो गया। चौतरफा बिकवाली के दबाव में बीएसई के सेंसेक्स में 24 अगस्त 2015 (1624.51 अंक) के बाद की सबसे बड़ी गिरावट रही। यह 2.36 फीसदी यानी 839.91 अंक लुढ़ककर 35,066.75 अंक पर बंद हुआ।