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GST काउंसिल का बड़ा फैसलाः होटल में खाने सहित 178 सामान हुए सस्ते

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Nov 10 2017 10:23PM | Updated Date: Nov 10 2017 10:23PM
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नई दिल्ली। गुजरात चुनाव से ठीक पहले केंद्र सरकार ने जीएसटी में बड़ा बदलाव करके जनता और कारोबारियों को बड़ी राहत दी है। जीएसटी काउंसिल की बैठक में शुक्रवार को जीएसटी की दरों में अब तक का सबसे बड़ा फेरबदल किया गया। 178 सामानों पर जीएसटी की दर 28 प्रतिशत से 18 प्रतिशत हो गई है, यानी ये सामान सस्ते हो गए हैं। अब 28 प्रतिशत के स्लैब में सिर्फ 50 सामान ही रह गए हैं। यानी कुल 211 सामान अब सस्ते हो जाएंगे। नई दरों का लाभ 15 नवंबर से मिलेगा।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि जीएसटी काउंसिल समय-समय पर दरों की समीक्षा करती रही है। पिछली तीन बैठकों में 28 प्रतिशत की दर पर सरकार ने विचार किया और कुछ सामानों पर दरें कम कर दी। गुवाहाटी में जीएसटी काउंसिल की 23वीं बैठक में सबसे बड़ा फायदा घर निर्माण और घर में इस्तेमाल होने वाले सामानों पर मिलेगा।
 
इन सामानों की दरें घटाईं
-अब हर तरह के रेस्टोरेंट में खाना सस्ता होगा। यानी एसी, नॉन एसी रेस्टोरेंट में सिर्फ 5 प्रतिशत ही जीएसटी लगेगा।
-छह सामानों पर जीएसटी 18 से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है- जैसे खाजा मिठाई, अनारसा और चिकी।
-13 सामानों पर जीएसटी 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया है- जैसे पास्ता, कॉटन और जूट हैंडबैग।
 
18 प्रतिशत जीएसटी वाले सामान
178 सामानों पर 28 प्रतिशत जीएसटी घटाकर अब 18 प्रतिशत कर दिया गया है। इनमें च्यूइंगम, चॉकलेट, आफ्टर शेव, शैम्पू, डियोड्रेंट, वाशिंग पाउडर, डिटर्जेंट, मार्बल, सैनेटरी, सूटकेस, वॉल पेपर्स, प्लायवुड, स्टेशनरी, पंखा, हाथघड़ी, स्टोव, अग्निशमन यंत्र, कालीन आदि शामिल हैं।
 
28 प्रतिशत जीएसटी वाले सामान
28 प्रतिशत स्लैब में सिर्फ 50 सामान हैं, इनमें तंबाकू उत्पाद, पेंट, सीमेंट, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, एयर कंडीशनर्स आदि सामान शामिल हैं।
 
रिटर्न फाइलिंग में राहत 
कारोबारियों के लिए भी कई राहत की घोषणा की गई है। कंपोजिशन स्कीम का दायरा 1 करोड़ से बढ़कर 1.5 करोड़ हुआ। कारोबारियों को फॉर्म 3-बी भरने में राहत दी गई है। अब इसे 31 मार्च तक फाइल कर सकते हैं। 1.5 करोड़ से कम टर्नओवर वाले कारोबारियों को 15 फरवरी तक का समय दिया गया है। 1.5 टर्नओवर पर हर महीने रिटर्न फाइल करना होगा। लेट फाइलिंग पर जुर्माना कम कर दिया गया है। शून्य रिटर्न की स्थिति में लेट फाइलिंग के लिए पेनल्टी 50 रुपए से घटाकर 20 रुपए कर दी गई है। जीएसटीआर-1 तीन महीने में एक बार भरना होगा। जीएसटीआर-2 की समीक्षा के लिए कमेटी का गठन किया गया है। जीएसटीआर-4 भरने की समयसीमा 24 दिसंबर रखी गई। 
 
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