नई दिल्ली। नोटबंदी के दौरान विभिन्न कंपनियों ने बैंक खातों में 7,000 करोड़ रुपये जमा कराए थे, जिसे बाद में उन्होंने निकाल लिया था। अब इन कंपनियों का पंजीकरण रद्द कर दिया गया है केंद्रीय विधि एवं कारपोरेट मामलों के राज्यमंत्री पीपी चौधरी ने आज यह जानकारी दी। कालेधन के खिलाफ कार्रवाई तेज करते हुए सरकार ने 2.24 लाख से अधिक कंपनियों का नाम आधिकारिक रिकॉर्ड से हटा दिया था।
इसके अलावा इस बात के आंकड़े जुटाए जा रहे हैं कि क्या इन इकाइयों को इस्तेमाल गैरकानूनी धन के प्रवाह के लिए किया गया है। इसी परिप्रेक्ष्य में चौधरी ने कहा कि जांच में यह सामने आया है कि इन 2.24 लाख कंपनियों में से तीन प्रतिशत ने नोटबंदी के दौरान बैंक खातों में करीब 6,000 से 7,000 करोड़ रुपए जमा कराए जिसे बाद में निकाल लिया गया। उन्होंने कहा कि यह 2.24 लाख में से तीन प्रतिशत कंपनियों का आंकड़ा है। आंकड़ों को खंगाला जा रहा है यह मामला और बड़ा हो सकता है।