नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल से आज छोटे व्यापारियों को बड़ी राहत मिली है. 1.5 करोड़ से नीचे टर्नओवर वाले व्यापारियों को तीन महीने में जीएसटी रिटर्न भरना होगा। आम जनता के लिए सबसे बड़ी खबर ये हैं कि जीएसटी के तहत 27 आइटम्स पर टैक्स को घटा दिया गया है। वहीं रेस्टोरेंट में खाना खाने के लिए भी थोड़ी राहत मिली है क्योंकि 1 करोड़ रुपये तक की कमाई वाले रेस्टोरेंट 5 फीसदी टैक्स में हैं। इससे ज्यादा की कमाई वाले रेस्टोरेंट के टैक्स के ऊपर जीएसटी जीओएम विचार करेगा।
75 लाख सालाना टर्नओवर तक के व्यापारियों को अभी कंपोज़ीशन स्कीम के तहत 1 फीसदी टैक्स देकर रिटर्न दाखिल करने से छूट मिलती है, यह लिमिट एक करोड़ तक बढ़ाई गई है। वहीं जीएसटी में अनरजिस्टर्ड डीलर से सामान खरीदने पर व्यापारी को टैक्स का भुगतान खुद करना पड़ता था जिसे रिवर्स चार्ज मेकेनिज़्म कहते हैं। रिवर्स चार्ज मेकेनिज़्म भी 31 मार्च 2018 तक स्थगित कर दिया गया है।
जीएसटी के इन नए नियमों का एलान किया
- 1.5 करोड़ तक के टर्न ओवर वाले अब मासिक रिर्टन के स्थान पर तिमाही रिटर्न दाखिल कर पाएंगे।
- अबसे 1.5 करोड़ टर्नओवर वाले व्यापारियों को हर महीने की जगह 3 महीने में जीएसटी भरना होगा।
- पहले 75 लाख रुपये तक टर्नओवर वाले व्यापारियों को हर महीने रिटर्न भरना होता था।
- छोटे व्यापारियों को राहत मिली है और उन्हें हर महीने रिटर्न भरने से छूट मिलेगी।
- कंपोजीशन स्कीम को डिटेल में समझाते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि ट्रेडिंग करने वाले व्यापारी 1% टैक्स, मैन्यूफैक्चर्रस2% टैक्स और रेस्टोरेंट बिजनेस वाले 5% टैक्स के दायरे में आएंगे।
- कंपोजीशन स्कीम का दायरा बढ़ाया गया और अब 75 लाख रुपये की जगह 1 करोड़ तक टर्नओवर वाले व्यापारी इसस्कीम के दायरे में आएंगे।
- कंपोजीशन स्कीम के तहत व्यापारियों के लिए दायरा बढ़ाकर 75 लाख की जगह पर 1 करोड़ तक बढ़ाया गया। इससेछोटे और मझौले व्यापारियों को बड़ी राहत मिली।
- 1 करोड़ तक टर्नओवर वाले व्यापारियों के लिए कंपोजीशन स्कीम.जीएसटी काउंसिल की बैठक में रेस्टोरेंट और 1 करोड़ से कम टर्न ओवर वाले (5% टैक्स), बड़े एसी रेस्टोरेंट (18% टैक्स) की दरों पर फिर से विचार करने का सिफारिश आई है।
- जीएसटी ग्रुप ऑफ मिनिस्टर होगा इसके समेत दूसरे मुद्दों पर रिपोर्ट देगा।
-एक्सपोर्टर्स के लिए ई-वॉलेट की व्यवस्था 1 अप्रैल 2018 से लागू होगी।
- एडवांस रिफंड के लिए एक्सपोर्ट्स को तयशुदा पूंजी दी जाएगी.एक्सपोर्टर्स को जीएसटी के तहत जो भी रिफंड मिलना है वो उनके ई-वॉलेट में आ जाएगा।
- हर एक्सपोर्टर को ई-वालेट मिलेगा, एक्सपोर्टर्स को जीएसटी के तहत जो भी रिफंड मिलना है वो उनके ई-वॉलेट में आ जाएगा।
- छोटे व्यापारियों को राहत मिली है और उन्हें हर महीने रिटर्न भरने से छूट मिलेग।.
- वित्त मंत्री ने कहा कि सालाना 20 लाख से कम टर्नओवर वाले सर्विस प्रोवाइडर्स को इंटरस्टेट सर्विस टैक्स से हटाया गया।
जीएसटी में वित्त मंत्री ने कुल 27 आइटम्स के टैक्स स्लैब में भी बदलाव किया है।
कुल 27 आइटम्स पर टैक्स स्लैब में हुआ बदलाव
- अनब्रांडेड आयुर्वेदिक 18 फीसदी से 5 फीसदी
- रबर वेस्ट, मैनमेड धागा पर टैक्स 18 फीसदी से 12 फीसदी
- बच्चों के फूड पैकेट पर 18 फीसदी से 5 फीसदी
- अनब्रांडेड नमकीन 12 फीसदी से 5 फीसदी
- खाकरा जैसे स्नैक्स पर जीएसटी टैक्स स्लैब 12 फीसदी से 5 फीसदी
- पेपर वेस्ट 12 फीसदी से 5 फीसदी
- कोटा स्टोन समेत कुछ स्टोन्स को 28 फीसदी से 18 फीसदी किया गया
- स्टेशनरी के आइट्मस 28 फीसदी से 18 फीसदी
- डीजल इंजन के पार्ट 28 फीसदी से 18 फीसदी
- सर्विस सैक्टर में जॉब वर्क को अब 5 फीसदी के टैक्स स्लैब में है