नई दिल्ली। देश के ज्यादातर लोगों को शायद ये पता नहीं होगा कि जब भी वो पेट्रोल पंप से पेट्रोल खरीदते है तो उसके भुगतान के रूप में वह पेट्रोल पंप पर शौचालय और पीने के पानी के लिए भी शुल्क अदा करते है। पेट्रोल पंपों पर यदि आपको शौचालय या पीने के पानी की सुविधा बेहतर नहीं दिखती है तो इसके लिए आप स्वच्छता ऐप के जरिए पेट्रोलियम मंत्रालय को शिकायत दे सकते है। क्या आपको जानकारी है कि आप प्रति लीटर डीजल खरीदने पर 6 पैसे और पेट्रोल की खरीद पर प्रतिलीटर 4 पैसे शौचालयों के मेंटिनेंस के रूप में देते है। पेट्रोल पंप मालिकों का दावा है कि इस तरीके से महीनेभर में रकम जमा जरूरत से कम होती है।
पेट्रोलियम मंत्रालय के अधिकारियों के हवाले से कहा है कि उन पेट्रोल पंपों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है जहां शौचालय की उचित व्यवस्था नहीं है या उनका मेंटिनेंस सही तरीके से नहीं किया जा रहा। पेट्रोल पंप मालिकों का कहना है कि एक पेट्रोल पंप हर महीने औसतन 1 लाख 70 हजार लीटर पेट्रोल-डीजल बेचता है। इस तरह उसे शौचालयों की देखभाल के लिए 9,000 रुपये का कमीशन मिल पाता है और शौचालयों की देखभाल के लिए तीन लोगों को रखना पड़ता है। पानी की आपूर्ति और अन्य जरूरी सामानों का खर्चा अलग से आता है।