मुंबई। रूस की सबसे बड़ी तेल उत्पादक कंपनी रोसनेफ्ट और ट्राफिगुरा यूपीएस की अगुवाई वाले कंसर्टियम ने 12.9 अरब डॉलर में तेल क्षेत्र की भारत की दूसरी बड़ी निजी कंपनी एस्सार आॅइल का अधिग्रहण कर लिया है। देश में यह अब तक का सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) है।
कंपनी ने सोमवार को यह जानकारी दी कि एस्सार आॅयल लिमिटेड के नियंत्रक शेयर धारकों एस्सार एनर्जी होल्डिंग लिमिटेड और आॅइल बिडको (मॉरीशस) लिमिटेड ने कंपनी के 98.26 प्रतिशत हिस्सेदारी रोसनेफ्ट और ट्राफिगुरा तथा यूनाइटेड कैपिटल पार्टनर्स (यूसीपी) की अगुवाई वाले कंसर्टियम (केसानी इंटरप्राइजेज कंपनी लिमिटेड के माध्यम से) को बेची है। इस सौदे के तहत रोसनेफ्ट की एस्सार आॅइल में 49.13 प्रतिशत हिस्सेदारी और अन्य दो निवेशकों स्विट्जरलैंड की ट्राफिगुरा और रूस के ही यूसीपी की 49.13 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी।
शेष हिस्सेदारी रिटेल निवेशकों के पास रहेगी। अब एस्सार आॅइ ल के 3,500 पेट्रोप पंप तथा पश्चिमी गुजरात स्थित वाडिनार बंदरगाह तथा उसकी वाडिनार रिफाइनरी रोसनेफ्ट की होगी। इस रिफाइनरी की क्षमता 4,00,000 बैरल प्रतिदिन है। एस्सार आॅइल के इस सौदे से रूइया बंधुओं पर ऋण बोझ कम होने की उम्मीद है।
एस्सार कैपिटल के निदेशक प्रशांत रुइया ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इससे एस्सार समूह के कर्ज में करीब 11 अरब डॉलर की कमी आएगी। उन्होंने कहा कि एस्सार आॅइल के बगैर समूह का राजस्व 15 अरब डॉलर से अधिक रहेगा। एस्सार के संस्थापक शशि रुइया ने कहा, 'आज भारत-रूस के आर्थिक संबंधों के लिए ऐतिहासिक दिन है। मैं रोसनेफ्ट, ट्राफिगुरा और यूसीपी को विश्व स्तरी तेल कारोबार में निवेश की बधाई देता हूं।
एस्सार के लिए यह सौदा हमारे विभिन्न कारोबार के विकास का एक नया चरण है। एस्सार समूह के जरिए भारत में अब तक 30 अरब डॉलर से अधिक की एफडीआई हुआ है। इससे पहले एस्सार समूह हचिंसन वैमपोआ के साथ मिलकर वोडफोन को 11.1 अरब डॉलर के निवेश के साथ भारत लाया था।
रोसनेफ्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी इगोर सेशिन ने कहा कि यह एस्सार आॅइल के लिए एक नए अध्याय की शुरूआत है। हम अपने साझेदारों के साथ कंपनी की वित्तीय स्थिति में सुधार लाना चाहते हैं और इसके लिए परिसंपत्ति विकास रणनीति अपनाएंगे। यह हमारी कंपनी के लिए बड़ी उपलब्धि है। वाडिनार रिफाइनरी से क्षेत्र के अन्य देशों में हमारी आपूर्ति क्षमता बेहतर होगी।
बैंक का ऋण बोझ करीब 50 फीसदी कम होगा
निजी क्षेत्र के बैंक आईसीआईसीआई की प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर ने कहा, हम एस्सार आॅयल-रोसनेफ्ट सौदे का स्वागत करते हैं। गत साल अक्टूबर में इस सौदे की घोषणा होने के बाद से इसकी प्रक्रिया को पूरा करने में आईसीआईसीआई ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मुझे खुशी है कि इसे पूरा करने के लिए सरकार, नियामक, बैंक और विभिन्न प्रशासन एक साथ आए। यह सौदा विदेशी निवेशकों के भारत में आने की उनकी इच्छा भी दिखाता है। इससे एस्सार समूह पर हमारे बैंक का ऋण बोझ करीब 50 प्रतिशत कम हो जाएगा।