नई दिल्ली। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में खानपान सेवाओं को लेकर हो रही चौतरफा आलोचना के बीच रेलवे ने नई खानपान नीति के क्रियान्वयन में तेजी लाने और 31 दिसंबर तक सभी गाड़ियों एवं स्टेशनों में संपूर्ण भोजन व्यवस्था को आईआरसीटीसी के अंतर्गत लाने का निर्णय लिया है। रेलवे ने सोमवार से देशभर में गाड़ियों एवं स्टेशनों पर खानपान सेवाओं के औचक निरीक्षण एवं गुणवत्ता सुधार तीन सप्ताह का विशेष अभियान शुरू किया है।
रेलवे स्टेशन के सभी खानपान स्टॉल आईआरसीटीसी के दायरे में
रेलवे बोर्ड के सदस्य (यातायात) मोहम्मद जमशेद ने बुधवार को कहा कि 31 दिसंबर तक सभी गाड़ियों एवं स्टेशनों पर पेंट्री कार, बेस किचन, फूड प्लाजा एवं प्लेटफॉर्म पर फूड स्टॉल सभी भारतीय खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) के दायरे में ले आया जाएगा। उन्होंने बताया कि दिल्ली से मुंबई के मार्ग पर सभी सात बेस किचेन, 19 ट्रेनें और 40 कैटरिंग यूनिट 31 जुलाई के पहले निगम को सौंप दी जाएंगी। इसके अलावा रेलवे 88 ट्रेनों और 100 फूड प्लाजा में खानपान सामग्री की तीसरे पक्ष से आॅडिट कराएगी जिसके लिए दो कंपनियों का चयन किया गया है।
विजिलेंस रखेगी निगरानी
उन्होंने बताया कि आईआरसीटीसी भी खानपान सेवाओं के लिये पेशेवर शिक्षा प्राप्त एवं सुप्रशिक्षित लोगों को नौकरी पर रखेगी और उनके काम पर विजिलेंस निगरानी रखेगी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि रेलवे ने 2012 में तीन, 2013 में एक, 2014, 2015 एवं 2016 में तीन-तीन तथा 2017 में अब तक सात ठेकेदारों को हटा दिया है।
रेलवे के खाने में मिली छिपकली
चंदौली में पूर्वा एक्सप्रेस में एक यात्री को परोसे गए खाने में छिपकली निकलने का मामला सामने आया है। यात्री ने इसकी शिकायत रेलवे मिनिस्टर सुरेश प्रभु से की। इसके बाद महकमा हरकत में आया। मामले की जांच की जा रही है। पैसेंजर ने कुछ खाना खा भी लिया था, लिहाजा एहतियात के तौर पर उसे दवाई दी गई हैं। पीड़ित ने बताया कि उसने मोकामा स्टेशन आने पर खाने का आॅर्डर दिया, जिसमें यह छिपकली निकली।