नई दिल्ली। टमाटर की कीमतों में आए अप्रत्याशित उछाल के कारण टोमैटो प्यूरी और टोमैटो केचअप की मांग पिछले कुछ सप्ताह के दौरान 40 से 45 फीसदी बढ़ गई है। उद्योग संगठन एसोचैम की रिपोर्ट के अनुसार अधिकतर भारतीय व्यंजनों में जरूरी माने जाने वाले टमाटर की आसमान छूती कीमत के कारण लोगों ने टोमैटो प्यूरी और टोमैटो केचअप को विकल्प के रुप में देखते हुए इसकी खरीद शुरू कर दी है।
टोमैटो प्यूरी और टोमैटो केचअप की बढ़ती मांग को देखते हुए दुकानदारों ने इसका भंडार बढ़ा दिया है। अधिकतर शाकाहारी और मांसाहारी व्यंजनों में बड़ी मात्रा में टमाटर डाले जाते हैं और इसी कारण होटल तथा रेस्टोरेंट में व्यंजनों की लागत काफी बढ़ गई है। अध्ययन के मुताबिक अधिकतर लोगों ने बताया कि उन्होंने टमाटर का इस्तेमाल बहुत कम कर दिया है और वे वैसे ही व्यंजन बना रहे हैं जिनमें टमाटर की जरूरत न हो जैसे भिंडी और कद्दू। कुछ लोग टमाटर की जगह कच्चे आम का इस्तेमाल भी कर रहे हैं।
बारिश की वजह से फसल बर्बाद होने के कारण पिछले कुछ सप्ताह के दौरान टमाटर के दाम बड़ी तेजी से बढ़े हैं। टमाटर की पैदावार वाले कुछ इलाकों में बाढ और कुछ में हुई कम बारिश के कारण इसकी फसल बहुत प्रभावित हुई है। दिल्ली-एनसीआर, मुम्बई, लखनऊ, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद और हैदराबाद की मंड़ियों में कारोबारियों से की गई बातचीत से यह पता चलता है कि आने वाले कुछ समय तक टमाटर की कीमतों में कमी आने की कोई उम्मीद भी नहीं है क्योंकि देश के जिन हिस्सों में इसकी फसल तैयार होती है, उनमें से अधिकतर जगह बाढ़ का कहर है।
बारिश के कारण टमाटर की पैदावार प्रभावित
रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र तथा अन्य राज्यों में जहां टमाटर की पैदावार होती है, वहां कम बारिश के कारण फसल को बहुत नुकसान हुआ है। टमाटर की पैदावार प्रभावित होने का सबसे अधिक असर दिल्ली-एनसीआर और मुम्बई में दिखा है। इसके अलावा टमाटर बहुत ही जल्द खराब हो जाते हैं और इनके संरक्षण के लिए कोल्ड स्टोरेज तथा एक जगह से दूसरे जगह ले जाने के लिए रेफ्रीजरेटेड वाहनों की आवश्यकता होती है। एसोचैम के महासचिव डी एस रावत ने कहा, सब्जियों और फलों की कीमतों का अप्रत्याशित उतार-चढ़ाव इस क्षेत्र में बेहतर आपूर्ति श्रृंखला की जरूरत को बताता है। केंद्र तथा राज्य सरकारों दोनों को कोल्ड स्टोरेज और रेफ्रीजरेटेड ढांचे में निवेश को बढ़ावा देना चाहिए।