नई दिल्ली। जीएसटी को लागू हुए अभी मात्र 20 दिन ही हुए हैं और इसके लाभ जमीन पर दिखना शुरू हो गए हैं। केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) के आंकड़ों के अनुसार जीएसटी लागू होने के शुरूआती 15 दिनों के आंकड़ों को देखने से पता चलता है कि राजस्व में महीने-दर-महीने के आधार पर 11 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
अक्टूबर माह में आएंगे वास्तविक आंकड़ें
हालांकि इस नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के लागू होने के बाद कुल राजस्व में हुई बढ़ोतरी की सटीक जानकारी अक्टूबर से पहले नहीं मिल पाएगी, जब तक इस व्यवस्था को शुरू हुए 3 महीने हो जाएंगे। सीबीईसी ने कहा कि एक जुलाई से 15 जुलाई के बीच आयात से प्राप्त कुल राजस्व 12,673 करोड़ रुपए रहा, जबकि जून महीने में समान अवधि में यह 11,405 करोड़ रुपए था।
सीबीईसी बहुत आशांवित नहीं
सीबीईसी की प्रमुख वनजा सरना ने बताया सीमा शुल्क से ठीकठाक राजस्व प्राप्त हुआ है। हमें उम्मीद है कि राजस्व की मात्रा पिछले महीने जितनी ही होगी। हालांकि हम साल दर साल आधार पर इसमें बहुत अधिक वृद्धि की उम्मीद नहीं कर रहे हैं। 30 जून की आधी रात से 15 दिनों में कुल 12,673 करोड़ रुपए का राजस्व इकट्ठा किया गया है।
रिटर्न दाखिल होने के बाद हकीकत आएगी सामने
जीएसटी से प्राप्त कुल राजस्व के बारे में उन्होंने बताया कि इसका पहला अनुमान अक्टूबर तक ही मिल पाएगा, क्योंकि व्यापारी सितंबर में रिटर्न दाखिल करेंगे। उन्होंने कहा, हमें जीएसटी शासन का कम से कम एक तिमाही (जुलाई-अगस्त-सितंबर) का आंकड़ा चाहिए होगा, जो कि अक्टूबर में आएगा। राजस्व का आंकलन करने के लिए कम से कम तीन महीनों के आंकड़ों को देखना पड़ता है।
डिजिटाइजेशन से मिलेगी रफ्तार
हालांकि जीएसटी की दरों को ‘टैक्स न्यूट्रल’ रखा गया है, ताकि कर की दरें पहले जितनी थीं, उतनी ही रहें। सरना ने कहा कि जरूरी नहीं है कि इससे राजस्व वृद्धि दर में किसी प्रकार की गिरावट ही आएगी। उन्होंने कहा इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ व्यापारियों को मिलेगा, लेकिन कर आधार में बढ़ोतरी से राजस्व को कोई नुकसान नहीं होगा। हालांकि डिजिटाइजेशन से कर आधार में तेजी से वृद्धि हो रही है, लेकिन अभी इस पर ज्यादा कुछ कहना जल्दबाजी होगी।
वस्तुओं के दाम में आई है कमी
बुधवार को वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बीजेपी के सांसदों को एक मीटिंग में बताया था कि जीएसटी से कर आधार में वृद्धि होने के साथ-साथ वस्तुओं के मूल्यों में भी गिरावट देखने को मिलेगी। उन्होंने बताया की जीएसटी की वजह से 1 जुलाई के बाद वस्तुओं के दामों में 4 फीसदी से 8 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है और अब तक 75 लाख व्यापारियों ने इसके अंतर्गत पंजीकरण करा लिए हैं।