नई दिल्ली। एक जुलाई से वस्तु एवं सेवा कर GST लागू हो गया है। इसके बाद सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि सेकंड हैंड सामान खरीदने या बेचने पर जीएसटी नहीं लगेगा, बशर्ते इसे खरीद मूल्य से कम कीमत पर बेचा जाए। सरकार को यह स्पष्टीकरण जीएसटी की मार्जिन स्कीम की वजह से जारी करना पड़ा है। मार्जिन स्कीम को लेकर सेकंड-हैंड सामान के डीलरों, खासतौर पर यूज्ड बोतलों के व्यापारियों में काफी असमंजस था।
केंद्रीय जीएसटी कानून के नियम 32(5) के मुताबिक कोई सैकंड-हैंड सामान खरीदने या बेचने वाला कोई डीलर यदि कोई यूज्ड सामान बेचता है तो उस पर जीएसटी नहीं लगेगा। लेकिन ऐसा तभी होगा जब जिस दाम पर सामान खरीदा हो उससे कम दाम पर बेचा जा रहा हो, यानी वह सामान नुकसान उठाकर बेचा जा रहा हो। दोबारा बेचे जाने से पहले यह भी देखना होगा कि सामान के मूल रूप में ज्यादा बदलाव न किया गया हो। इस सुविधा को मार्जिन स्कीम कहा गया है। जीएसटी एक्सपर्ट प्रीतम महुरे ने बताया कि अगर कोई पुराना सामान घाटे में बेचा जा रहा है तो उस पर जीएसटी नहीं लगेगा।