नई दिल्ली। इनकम टैक्स विभाग ने ब्लैकमनी का पता लगाने और ‘ऑपरेशन क्लीन मनी’ के तहत 5.56 लाख और ऐसे लोगों की पहचान की है जिन्होंने नोटबंदी के दौरान ज्यादा कैश जमा कराया है।
‘ऑपरेशन क्लीन मनी’ का दूसरा चरण अप्रैल में शुरू किया गया था। इसका मकसद नोटबंदी के बाद ब्लैकमनी को पकड़ना है। इनकम टैक्स विभाग ने बैंकों से लेन-देन के दस्तावेजों के जरिए इन अतिरिक्त मामलों की पहचान की है।
केंद्रीयवित्त मंत्रालय ने बयान में कहा, इन लोगों का टेक्स विवरण उनके द्वारा नोटबंदी के बाद खातों में जमा कराई गई राशि से मेल नहीं खाता। मंत्रालय ने कहा कि ऐसे सभी लोगों को इस बारे में ई-मेल और एसएमएस भेजकर अपना जवाब ऑनलाइन देने को कहा गया है।
इसके साथ ही 1.04 लाख लोग ऐसे हैं जिन्होंने ‘ऑपरेशन क्लीन मनी’ के पहले चरण के ई-वेरीफिकेशन में अपने सभी बैंक खातों का ब्यौरा नहीं दिया था। इनकी भी पहचान हो चुकी है।
31 जनवरी को शुरू किए गए ‘ऑपरेशन क्लीन मनी’ के पहले चरण में बड़ी राशि में नकदी जमा कराने वाले 17.92 लाख लोगों की पहचान ई-वेरीफिकेशन के लिए की गई थी जिनमें से 9.72 लाख लोगों ने अपना जवाब ऑनलाइन दे दिया है।
‘ऑपरेशन क्लीन मनी’ के दूसरे चरण की शुरुआत करते समय इनकम टैक्स विभाग ने कहा था कि वह 60,000 लोगों की जांच करेगा। इनमें 1,300 उच्च जोखिम वाले लोग शामिल हैं।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने कहा था कि उसने 9 नवंबर, 2016 से 28 फरवरी, 2017 के दौरान 9,334 करोड़ रुपए की अघोषित आय का पता लगाया है।