नई दिल्ली। भारतीय रेलवे सौर ऊर्जायुक्त पहली डीएमयू गाड़ी इस सप्ताह पटरी पर उतारने जा रही है, जिससे हर साल करीब नौ लाख टन कार्बन उत्सर्जन की बचत होगी। रेलमंत्री सुरेश प्रभु 14 जुलाई को सफदरजंग रेलवे स्टेशन से ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ करेंगे। चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्टरी में निर्मित इस छह कोच वाले रैक को उत्तर रेलवे के शकूरबस्ती वर्कशॉप में सौर पैनलों से सुसज्जित किया गया है।
हर कोच पर 16-16 सौर पैनल लगाए गए हैं, जिनकी कुल क्षमता 4.5 किलोवाट होगी। हर कोच में 120 एएच क्षमता की बैटरियां लगीं होंगी, जिससे रात में भी गाड़ी की विद्युत आवश्यकताओं की पूर्ति हो सकेगी। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सौर पैनलों के कारण गाड़ी में हर साल 21 हजार लीटर डीजल की बचत हो पाऐगी। सूत्रों ने बताया कि अगले छह माह में 24 और ऐसे ही कोच बन कर तैयार हो जायेंगे। इस रैक के माध्यम से रेलवे डेढ़ लाख टन प्रतिवर्ष प्रति कोच के हिसाब से नौ लाख टन कार्बन उत्सर्जन बचाएगी।