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आयकर विभाग ने जारी किया नोटिफिकेशन

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 6 2017 5:01PM | Updated Date: Jul 6 2017 5:01PM
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नई दिल्ली। ऑडिटरो को अपने ग्राहकों की ओर से आयकर अधिकारियों के सामने (ऑडिट) रिपोर्ट फाइल करते समय उसमें अचल संपत्ति के सिलसिले में 20,000 रूपए से अधिक के लेन-देन का भी ब्योरा देना होगा। आयकर अधिनियम के तहत 50 लाख रूपए से अधिक की सकल आय अर्जित करने वाले पेशेवरों और एक करोड़ रूपए से अधिक कारोबार करने वाली कंपनियों को अपने खाते का अंकेक्षण कराना होगा। वर्ष 2018-19 से कंपनियों के लिए कारोबार की सीमा बढ़ाकर दो करोड़ रूपए कर दी गई है।
 
ऑडिटरो को आयकर रिटर्न के साथ दाखिल टैक्स ऑडिट रिपोर्ट में लिए गए कर्ज और 20,000 रूपए से अधिक की अदाएगी का उल्लेख करना होता था। अब इस रिपोर्ट में संपत्ति से जुड़े 20,000 रूपए से अधिक के लेन-देन का भी उल्लेख करना होगा। 
 
इस कदम से वित्तीय लेन-देन में पारदर्शिता आएगी तथा कर अपवंचन रोकने में मदद मिलेगी। आयकर विभाग की अधिसूचना के अनुसार ऑडिटरो को वित्त वर्ष 2016-17 से 20,000 रूपए से अधिक की हर रकम के सिलसिले में वित्तीय लेन-देन का विवरण देना होगा। इसमें अचल संपत्ति के संदर्भ में भुगतान की गयी और ली गई राशि शामिल है।
 
ऑडिटर को भुगतान के तरीके भी बताने होंगे या यह भी बताना होगा कि भुगतान खाते में देय चेक या इलेक्ट्रोनिक प्रणाली के जरिये किया गया। आयकर विभाग ने आयकर अधिनियम की धारा 44एबी के तहत कर आॅडिट रिपोर्ट के फार्म 3सीडी  को संशोधित किया है। इसके लिए अधिसूचना जारी की गई है। संशोधित नियम 19 जुलाई 2017 से प्रभाव में आ जाएंगे। निर्धारण वर्ष 2017-18 में यह लागू होगा। 
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