कोलकाता। 1 जुलाई को जीएसटी लागू होने के बाद सोने की मांग 50 से 75 फीसदी तक घट गई। सोने की कीमतें भी 1 फीसदी नीचे आईं, क्योंकि सात साल के सबसे खराब तिमाही प्रदर्शन के बाद डॉलर में नुकसान घट गया। आॅल इंडिया जेम एंड ज्वेलरी ट्रेड फेडरेशन के चेयरमैन नितिन खंडेलवाल ने कहा ग्राहकों ने जीएसटी के बाद कीमतों के बढ़ने की आशंका में अपनी खरीदारी पहले ही कर ली थी। इस वजह से स्टोर्स पर फुटफॉल कम हुआ है।
हालांकि, जीएसटी से कीमतों पर क्या असर होगा, इस बारे में तस्वीर साफ होने पर फिर से दुकानों में ग्राहक आने लगेंगे। पिछले दिनों साउथ इंडिया में सेल्स में 60 फीसदी की गिरावट आई। देश के 850.950 टन सालाना के गोल्ड कंजम्पशन में दक्षिण भारत की हिस्सेदारी 40 फीसदी है। बेंगलुरु बेस्ड श्री राम जेवेल्स के मालिक श्रीधर जीवी ने कहा कि मार्केट 30 जून तक काफी मजबूत था। उन्होंने कहा सेल्स में गिरावट 50 से 60 फीसदी तक रही है। हमें 20 दिन बाद बिक्री में फिर से तेजी की उम्मीद है क्योंकि तब वेडिंग सीजन शुरू हो जाएगा। रिपोर्ट्स से यह भी पता चल रहा है कि गोल्ड की रूरल सेल्स में भी गिरावट आई है।
हालांकि, मुंबई में झावेरी बाजार स्थित इंडियन बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के दफ्तर में बाहर के ज्वेलर्स की कॉल्स की झड़ी लगी रही। आईबीजेए के नेशनल सेक्रेटरी सुरेंद्र मेहता ने कहा चूंकि, जीएसटी को लेकर काफी कन्फ्यूजन है, ऐसे में दूरदराज के इलाकों के ज्वेलर्स हमारे यहां कॉल कर चीजें समझने की कोशिश कर रहे हैं।
मेहता ने कहा कि जीएसटी से सेक्टर हेल्दी बनेगा और इससे ज्वेलरी महंगी नहीं होगी। मेहता ने कहा हमने देखा है कि सोने पर 3 फीसदी जीएसटी 22 रुपए प्रति ग्राम बैठेगा। ज्वेलर्स जीएसटी के मसले को हैंडल करने के लिए तैयार हैं। झावेरी बाजार के ज्यादातर ज्वेलर्स को उम्मीद है कि सोने की कीमतें शॉर्ट-टर्म में गिरकर 27,500 रुपए प्रति 10 ग्राम के लेवल पर आ जाएंगी। नाम न जाहिर करने की शर्त पर एक बुलियन डीलर ने कहा हमें नवरात्र में बिजनस में तेजी आने की उम्मीद है।
सोने की कालाबाजारी को मिलेगा बढ़ावा...
भारत में सोने की बिक्री पर कर में वृद्घि से इस कीमती धातु की कालाबाजारी को बढ़ावा मिल सकता है और देश में तस्करी वाले सोने के लिए खरीदारों में दिलचस्पी बढ़ सकती है। एक जुलाई को नई कर व्यवस्था के तहत सोने पर जीएसटी पहले के 1.3 फीसदी से बढ़ाकर 3 फीसदी किया गया है। व्यापारियों और खरीदारों का कहना है कि इस नई कर व्यवस्था से ब्लैक में ज्यादा लेनदेन को बढ़ावा मिलेगा। मुंबई के जवेरी बाजार में खरीदारी करने पहुंचे एक खरीदार ने कहा तीन फीसदी कर काफी ज्यादा है। मैंने बगैर रसीद के खरीदारी करना उचित समझा। जौहरी को भी इस पर कोई समस्या नहीं हुई।