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GST पर सरकार की सफाई, हर महीने 3 नहीं एक ही रिटर्न भरना है

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 2 2017 7:50PM | Updated Date: Jul 2 2017 7:51PM
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नई दिल्ली। जीएसटी लागू होने के बाद इसके कई प्रावधानों को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। सरकार कोशिश कर रही है कि जीएसटी को लेकर लोगों की गलतफहमी दूर हो। राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने रविवार को सोशल मीडिया पर जीएसटी को लेकर सात मिथ बताए और इनपर स्पष्टीकरण भी दिया है। 

 
अधिया ने कहा लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील करते हुए उन्होंने बताया कि ईमानदार करदाताओं को इसका सीधा फायदा होगा। उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए व्यापार करने वालों को जीएसटी से जुड़े सवालों का जवाब दिया। 
 
उन्होंने कहा कि जीएसटी के कार्यान्वयन और निष्पादन की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी रहेगी। अधिया ने कहा क्रेडिट कार्ड से बिल पेमेंट पर दो बार जीएसटी लगने की बात कही जा रही है,  जो बिल्कुल गलत है। 

ये है सच्चाई...
1- सभी तरह के बिल केवल कंप्यूटर/इंटरनेट जेनरेटेड होने चाहिए।
सच्चाई- हाथ से बनाई गई रसीद भी मान्य होगी।
2- जीएसटी के तहत व्यापार करने के लिए हर समय इंटरनेट की जरीरत है।
सच्चाई- जीएसटी का मासिक रिटर्न भरते समय ही इंटरनेट की जरूरत होगी।
3- मेरे पास provisional आईडी है लेकिन व्यापार शुरू करने के लिए फाइनल आईडी का इंतजार करना होगा।
सच्चाई- Provisional ID ही आफका फाइनल GSTIN नंबर होगा। व्यापार शुरू कर दें।
4- मैं जिस सामान का व्यापारी हूं वह पहले कर से मुक्त था, इसलिए अब मुझे व्यापार शुरू करने से पहले नया रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
सच्चाई- व्यापार शुरू कर सकते हैं और 30 दिन के भीतर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
5- हर महीने तीन रिटर्न भरने होंगे।
सच्चाई- सिर्फ एक ही रिटर्न है जिसे तीन हिस्सों में भरना होगा। पहला हिस्सा डीलर को भरना होगा, दूसरा और तीसरा कंप्यूटर से ऑटो जेनरेट हो जाएगा।
6- यहां तक की छोटे व्यापारियों को भी रसीद के हिसाब से रिटर्न भरना होगा।
सच्चाई- रिटेल बिजनेस (B2C) वालों को सिर्फ टोटल सेल की जानकारी देनी होगी।
7- नए जीएसटी रेट वैट के मुकाबले ज्यादा हैं।
सच्चाई- जीएसटी इसलिए ज्यादा दिखता है क्योंकि इसमें उत्पाद शुल्क (excise duty) और दूसरी तरह के छिपे हुए टैक्स भी सम्मिलित कर लिए गए हैं।

 

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