नई दिल्ली। तमाम विरोध के बावजूद आखिरकार 1 जुलाई से जीएसटी लागू हो गया। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 30 जुलाई की आधी रात को इसे लॉन्च किया। इसके साथ ही देश में तमाम उत्पादों की कीमतों में उतार-चढ़ाव आ जाएगा। कुछ चीजें पहले से महंगी हो जाएंगी तो कुछ प्रोडक्ट्स और सेवाओं पर लोगों को बड़ी राहत मिलने वाली है। सरकार ने जीएसटी लागू करने से कुछ घंटे पहले किसानों को बड़ी राहत भी दी है।
जीएसटी का मतलब गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स है। इसे केंद्र और राज्यों के 17 से ज्यादा अप्रत्यक्ष करों के बदले में लागू किया जाएगा। यह ऐसा टैक्स है, जो देश में किसी भी गुड्स या सर्विसेस के उत्पादन, बिक्री और इस्तेमाल पर लागू होगा।
जीएसटी के जरिए एक्साइज ड्यूटी, सेंट्रल सेल्स टैक्स, स्टेट के सेल्स टैक्स यानी वैट, एंट्री टैक्स, लॉटरी टैक्स, स्टॉम्प ड्यूटी, टेलिकॉम लाइसेंस फीस, टर्नओवर टैक्स, बिजली के इस्तेमाल या बिक्री और गुड्स के ट्रांसपोर्टेशन पर लगने वाले टैक्स खत्म हो जाएंगे। यह एक राष्ट्र, एक टैक्स की अवधारणा पर काम करेगा।
सभी राज्यों में पारित
अभी जम्मू-कश्मीर को छोड़कर देश के सभी राज्य एसजीएसटी कानून पारित कर चुके हैं। ऐसे में जम्मू-कश्मीर को छोड़ पूरे देश में यह लागू हो जाएगा।
17 साल बाद कामयाबी
सबसे पहले 1999 में अटल बिहारी सरकार ने जीएसटी लागू करने पर विचार किया था। वाजपेयी ने आर्थिक सलाहकार समिति के साथ बैठक में इसकी चर्चा की, लेकिन तब से इसे लागू नहीं किया जा सका। साल 2014 में मोदी सरकार ने जीएसटी को लागू करने का फैसला किया और राज्यों की सहमति के बाद इस संसद के दोनों सदनों में जीएसटी बिल पास कर दिया गया।
तीन तरह के जीएसटी
- सीजीएसटी यानी सेंट्रल जीएसटी : इसे केंद्र सरकार वसूलेगी।
- एसजीएसटी यानी स्टेट जीएसटी : इसे राज्य सरकार वसूलेगी।
- आईजीएसटी यानी इंटिग्रेटेड जीएसटी- अगर कोई कारोबार दो राज्यों के बीच होगा तो उस पर यह टैक्स लगेगा। इसे केंद्र सरकार वसूलकर दोनों राज्यों में बराबर बांट देगी।
- यूजीएसटी यानी यूनियन टेरेटरी जीएसटी: केंद्र सरकार द्वारा प्रशासित किए जाने वाले गुड्स, सर्विसेस या दोनों पर लगेगा। इसे केंद्र सरकार ही वसूलेगी।
ये होंगे महंगे
बैंकिंग और टेलिकॉम सेवाएं, फ्लैट्स, रेडीमेड गारमेंट्स, मंथली मोबाइल बिल और ट्यूशन फीस, एसी रेस्तरां का बिल, सलून, 1000 रुपए मीटर से महंगा कपड़ा इत्यादि।
ये होंगे सस्ते
वेइंग मशीनरी, स्टैटिक कन्वर्टर्स, इलेक्ट्रिक ट्रांसफॉर्मर्स, वाइंडिंग वायर्स, इंडस्ट्रियल इलेक्ट्रॉनिक्स, सेना-पुलिस और अर्ध सैन्य बलों के टू-वे रेडियो, पोस्टेज और रेवेन्यू स्टांप्स, कटलरी, केचअप, सॉसेज, अचार, नमक, नॉन एसी रेस्तरां, चिल्ड्रंस पिक्चर, ड्रॉइंग, कलर बुक्स, प्लेइंग कार्ड्स, चेस बोर्ड, कैरम बोर्ड, अन्य बोर्ड गेम्स इत्यादि।
इन पर पांच फीसदी टैक्स
फिश फिलेट, क्रीम, स्किम्ड मिल्क पाउडर, ब्रांडेड पनीर, फ्रोजन सब्जियां, कॉफी, चाय, मसाले, पिज्जा बेस, जूस, साबूदाना, केरोसिन, कोयला, दवाएं, स्टेंट और लाइफबोट्स जैसी चीजों को टैक्स की सबसे निचली 5 फीसदी की दर में रखा गया है।
इन पर 12 फीसदी टैक्स
फ्रोजन मीट उत्पाद, मक्खन, पैकेज्ड ड्राय फ्रूट्स, एनिमल फैट, सॉस, फ्रूट जूस, भुजिया, नमकीन, आयुर्वेदिक दवाएं, टूथ पॉउडर, अगरबत्ती, कलर बुक्स, पिक्चर बुक्स, छाता, सिलाई मशीन और सेल फोन जैसी जरूरी चीजों को 12 फीसदी के स्लैब में रखा गया है।
ये 18 फीसदी के स्लैब में
फ्लेवर्ड रिफाइंड शुगर, पास्ता, कॉर्न फ्लेक्स, पेस्ट्रीज, केक, प्रिजर्व्ड वेजिटेबल्स, जैम, सॉस, सूप, आइसक्रीम, इंस्टेंट फूड मिक्सेज, मिनरल वॉटर, टिशू, लिफाफे, नोट बुक्स, स्टील उत्पाद, प्रिंटेड सर्किट्स, कैमरा, स्पीकर और मॉनिटर पर 18 फीसदी जीएसटी लगेगा।
इन पर सबसे ज्यादा 28 फीसदी कर
च्यूइंगगम, कोकोआ रहित चॉकलेट, पान मसाला, वातित जल, पेंट, डिओडोरेंट, शेविंग क्रीम, हेयर शैम्पू, डाइ, सनस्क्रीन, वॉलपेपर, सेरेमिक टाइल्स, वॉटर हीटर, डिशवॉशर, सिलाई मशीन, वॉशिंग मशीन, एटीएम, वेंडिंग मशीन, वैक्यूम क्लीनर, शेवर्स, हेयर क्लिपर्स, ऑटोमोबाइल्स, मोटरसाइकिल, निजी इस्तेमाल के लिए एयरक्राफ्ट और नौका-विहार पर 28 फीसदी का टैक्स लगाया गया है।
खाद पर 12 के बजाय 5 फीसदी टैक्स
जीएसटी लागू होने से कुछ घंटे पहले शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल ने किसानों को बड़ी राहत दी है। अब फर्टिलाइजर (खाद) पर जीएसटी के तहत 12 के बजाए 5 फीसदी टैक्स ही देना होगा। ट्रैक्टर के कलपुर्जों पर भी टैक्स 28 से घटाकर 18 फीसदी कर दिया गया है। वित्त मंत्री जेटली ने बैठक के बाद फैसले की जानकारी दी।