29 Mar 2024, 19:11:21 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
Business

स्‍मार्टफोन की तरह लोगों को म्‍यूचुअल फंड खरीदते देखना चाहते हैं अनिल अंबानी

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 30 2017 1:00PM | Updated Date: Jun 30 2017 1:00PM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

मुंबई। रिलायंस धीरूभाई अंबानी समूह के प्रमुख अनिल अंबानी ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) से म्यूचुअल फंडों के  लिए निवेश और विज्ञापन नियमों को सरल करने को कहा है। अंबानी ने कहा कि म्यूचुअल फंड में निवेश स्मार्टफोन  खरीदने जैसा ही आसाना होना चाहिए। अंबानी ने यहां एसोसिएशन आॅफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के एक  कार्यक्रम में कहा कि देश में प्रत्येक 25 में से एक व्यक्ति ही म्यूचुअल फंड में निवेश करता है। म्यूचुअल फंड के निवेशकों की संख्या को पांच साल में दस गुना कर 60 करोड़ किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज भारतीय म्यूचुअल फंड उद्योग को जनधन अभियान की जरूरत है।

10 में से 9 के पास मोबाइल कनेक्शन
आंकड़े देते हुए अंबानी ने कहा कि 10 में से 9 भारतीयों के पास मोबाइल कनेक्शन है। 10 में से तीन के पास स्मार्टफोन है। लेकिन 25 में से सिर्फ एक भारतीय ही म्यूचुअल फंड में निवेश करता है। अनिल अंबानी के समूह की कंपनी रिलायंस कैपिटल देश की सबसे बड़ी म्यूचुअल फंड कंपनियों में से एक का परिचालन करती है। उन्होंने कहा कि यदि वैश्विक परिप्रेक्ष्य में देखें तो ये आंकड़े और हैरान करते हैं। दुनिया में 58 ऐसी संपत्ति प्रबंधन कंपनियां हैं जो भारत के समूचे म्यूचुअल फंड उद्योग से अधिक की संपत्तियों का प्रबंधन करती हैं।
 
युवा अवस्था में है म्यूचुअल फंड उद्योग
अनिल ने कहा कि भारत का म्यूचुअल फंड उद्योग अभी युवा अवस्था में है। वास्तव में मैं कहूंगा कि यह अभी किशोरावस्था से निकला है। अंबानी ने इस बात का जिक्र किया कि पूर्ववर्ती यूटीआई ने 1964 में देश का पहला म्यूचुअल फंड शुरू किया था। उन्होंने कहा कि 30 साल तक इस क्षेत्र में कोई निजी क्षेत्र की कंपनी नहीं थी। 1995 में रिलायंस म्यूचुअल फंड के प्रबंधन के  तहत परिसंपत्तियां 60 करोड़ थीं, जो 2002 में 2,200 करोड़ हो गर्इं। उसके बाद हमारी संपत्तियों का आधार 100 गुना बढ़ा है और यह 2.25 लाख करोड़ हो गई है। एएमसी के रूप में हम फिलहाल 3.58 लाख करोड़ की परिसंपत्तियों का प्रबंधन कर रहे हैं। 
 
सेबी प्रमुख ने कंपनियों को किया आगाह
सरकार और रिजर्व बैंक द्वारा गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) से निपटने के लिए किए जा रहे समन्वित प्रयासों के बीच भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन अजय त्यागी ने म्यूचुअल फंड कंपनियों का आगाह किया कि वे यह सुनिश्चत करें कि ऋण कोष के रूप में डूबा कर्ज उद्योग में न आने पाए। 
 
एसोसिएशन आॅफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया के कार्यक्रम में त्यागी ने कहा कि बैंकिंग प्रणाली का एनपीए, ऋण कोष के रूप में म्यूचुअल फंडों को स्थानांतरित नहीं होना चाहिए। उद्योग को इस बारे में सावधान रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि गैर निष्पादित आस्तियां ऋण स्थानांतरण के रूप में एमएफ पोर्टफोलियो में न आने पाएं।
 
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »