नई दिल्ली। अगले साल से वित्त वर्ष बदल सकता है और यह अप्रैल की बजाय जनवरी से शुरू हो सकता है। केंद्र सरकार इस ऐतिहासिक बदलाव के जरिए 150 साल से चली आ रही परंपरा को खत्म करने की तैयारी में है। इसके तहत इस साल (2017) नवंबर में बजट पेश किया जा सकता है।
सरकार के उच्च स्तरीय सूत्रों ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बदलाव की वकालत किए जाने के बाद सरकार वित्त वर्ष को कैलेंडर वर्ष के अनुरूप करने की तैयारी कर रही है। इस साल एक फरवरी को बजट पेश किए जाने के बाद से सरकार कि ओर से किया गया यह दूसरा ऐतिहासिक बदलाव होगा।
गौरतलब है कि दशकों से बजट फरवरी के आखिरी सप्ताह में पेश होता रहा है। प्रस्ताव के अनुसार संसद का बजट सत्र दिसंबर से काफी पहले बुलाया जाएगा, जिससे कि बजटीय कार्यों को साल के अंत तक पूरा किया जा सके। सूत्रों ने कहा कि चूंकि बजटीय कार्यों को पूरा करने में लगभग दो महीने का समय लग जाता है। ऐसे में बजट सत्र नवंबर के पहले सप्ताह में बुलाया जा सकता है।
वित्त वर्ष जनवरी से शुरू करने की वकालत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि ऐसी मजबूत व्यवस्था विकसित करने की जरूरत है जो विविधता में सही तरीके से काम कर सके। पीएम ने कहा था कि खराब समय प्रबंधन की वजह से कई अच्छे पहले और योजनाओं का पूरा-पूरा लाभ नहीं मिल पाता है। सूत्रों के अनुसार मध्य प्रदेश ऐसा पहला राज्य बन गया है जिसने अगले साल से अपने वित्त वर्ष को जनवरी-दिसंबर करने की घोषणा कर दी है।