नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के 1 जुलाई से लागू होने से ऑफिस एक्सेसरीज में प्रिंटर और मॉनिटर महंगे हो जाएंगे। कंप्यूटर हार्डवेयर बनाने वाली कंपनी एचपी की भारतीय इकाई एचपी इंडिया सेल्स के प्रबंध निदेशक सुमीर चंद्रा ने बताया कि उनकी कंपनी प्रिंटरों और मॉनिटरों के दाम बढ़ाने वाली है।
उन्होंने कहा कि जीएसटी में डॉट मिट्रिक्स तथा आम तौर पर छपाई खानों में काम आने वाले प्लेट आधरित प्रिटरों को 18 प्रतिशत के स्लैब में रखा गया है जबकि ऑफिसों में आजकल सामान्यतया इस्तेमाल होने वाले लेजर प्रिंटरों को 28 प्रतिशत की श्रेणी में रखा गया है। इसके अलावा मॉनिटरों को भी 28 प्रतिशत की श्रेणी में रखा गया है। इस कारण कंपनियां दाम बढ़ाने पर मजबूर हैं।
चंद्रा ने बताया कि अभी प्रिंटरों पर 18 प्रतिशत कर लगता है। उन्होंने यह बताने से इनकार कर दिया कि कंपनी की योजना कीमतों में कितनी बढ़ोतरी करने की है। उन्होंने कीमतें बढ़ने के कारण घटने की आशंकाओं के बारे में कहा कि मध्यावधि में मांग में यानी करीब एक-डेढ़ साल तक इजाफा होगा क्योंकि जीएसटी लागू होने के बाद हर पंजीकृत कारोबारी को अपने यहां कम्प्यूटर और प्रिंटर लगाने की जरूरत होगी।
हालांकि बाद में जाकर बढ़ी कीमतों का असर दिख सकता है। उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने से पहले ही कुछ पॉकेटों में मांग बढ़ने लगी है। चंद्रा ने कहा कि सरकार जीएसटी लागू होने के बाद भी दरों पर पुनर्विचार के लिए तैयार है तथा हो सकता है कि भविष्य में प्रिंटरों को निचले स्लैब में रखने की उद्योग की बात मान ली जाएं।
हालांकि, कंपनी को जीएसटी से किसी नुकसान की आशंका को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि लागत पर उसे इनपुट टैक्स क्रेडिट मिल जाएगा तथा सिर्फ अंतिम उपभोक्ता को बढ़ी हुई दरों की कीमत चुकानी होगी।