नई दिल्ली। देशभर में 1 जुलाई से वस्तु एवं सभी चीजों पर (GST) लागू होने जा रहा है। इस बीच वित्त मंत्रालय की तरफ से यह साफ कहा गया है कि जीएसटी के लागू होने के बाद अगर कोई कंपनी या फर्म अपने ग्राहकों को टैक्स छूट का फायदा नहीं देता है तो उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।
इन मुनाफाखोर कंपनियों पर नजर रखने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय मुनाफाखोरी निरोधक प्राधिकरण गठित करने का प्रस्ताव दिया है। जिसके पास मुनाफाखोरी में किसी फर्म या इकाई का रजिस्ट्रेशन रद्द करने का अधिकार होगा। नए नियमों के हिसाब से अगर कोई कंपनी या फर्म जीएसटी के तहत निम्न करों का फायदा उपभोक्ता ओं को नहीं देता तो उसका लाइसेंस रद्द हो सकता है। साथ ही नई टैक्स सिस्टाम के तहत यह अथॉरिटी में कमी को देखते हुए कीमत घटाने का आदेश दे सकता है।
इस अथॉरिटी के प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी होंगे। इस अथॉरिटी के तहत कम टैक्स का फायदा ग्राहकों को नहीं देने वाले किसी कारोबारी को इस वजह से मिलने वाले गैर-वाजिब मुनाफे को 18 पर्सेंट के इंट्रेस्ट के साथ लौटाने के लिए मजबूर करने की शक्ति होगी। अथॉरिटी ग्राहकों को कीमतों में कमी कर टैक्स का फायदा देने को तय करने के तरीके पर खुद फैसला करेगी।
शिकायत करने के लिए ये एक नेशनल लेवल की कमैटी होंगी। राज्य स्थापनीय समस्याओं की जांच के लिए एक अलग से स्क्रीनिंग कमैटी बनाएगा। स्क्रीनिंग कमैटी अपने निष्कर्ष स्टैंडिंग कमैटी को भेजेगी। शिकायत की शुरूआती जांच के लिए दो महीने की सीमा तय की गई है। सबसे पहले शिकायत को उपयुक्त जांच के लिए डायरेक्टर जनरल ऑफ सेफगार्डस के पास भेजा जाएगा। डायरेक्टर जनरल तीन महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट अथॉरिटी को देंगे। इसके बाद अथॉरिटी बहुमत से फैसला करेगी।
सभी एंटिटीज को अथॉरिटी की ओर से पास किए गए ऑर्डर का पालन करना होगा। अगर ऐसा ना किया गया तो उनसे जीएसटी कानून के अनुसार रकम वसूली की जाएगी। इसके चेयरमेन को 2.25 लाख के मासिक वेतन के अलावा केंद्र सरकार के समान पद पर तैनात अधिकारी को मिलने वाले अन्य भत्ते और लाभ दिए जाएंगे। टेक्निकल मेंबर्स को 2,05,400 रूपये का मासिक वेतन मिलेगा।