मुंबई। अब रेलवे के पैसेंजर्स सफर के दौरान हाईस्पीड इंटरनेट, आॅन डिमांड वीडियो या दूसरे आॅनलाइन इंटरटेनमेंट का लुत्फ ले सकेंगे। ट्रेन की मॉनिटरिंग और पैसेंजर्स के आरामदायक सफर के लिए रेलवे हाईस्पीड मोबाइल कम्युनिकेशन कॉरिडोर तैयार कर रहा है। डिपार्टमेंट को उम्मीद है कि इससे ट्रेन आॅपरेशन में भी सुधार होगा। रेल मंत्रालय के मुताबिक, मेन रूट्स पर 2541 किलोमीटर में नए कम्युनिकेशन सिस्टम ने काम शुरू कर दिया है जबकि 3408 किलोमीटर रूट पर इसका काम तेजी से चल रहा है।
5 हजार करोड़ से डेवलप हो रहा कॉरिडोर
एक सीनियर रेलवे अफसर ने बताया कि इस सिस्टम से रेलवे के कर्मचारी (गैंगमेन) लोको पायलट और स्टेशन मास्टर को ट्रैक के हालात की सीधी जानकारी दे सकेंगे। इससे ट्रेन आॅपरेशन में सुधार होगा। कम्युनिकेशन कॉरिडोर बनाने के लिए रेल मंत्रालय ने एक कंपनी को जिम्मा सौंपा है। यह कॉरिडोर 5000 करोड़ की लागत से पी.पी.पी. मॉडल के तहत डेवलप किया जा रहा है।
जीएसएम-आर की जगह एलटीई -आर नेटवर्क
ट्रेन आॅपरेशन के लिए रेलवे फिलहाल वायरलेस सिस्टम का इस्तेमाल करता है। जीएसएम-आर नेटवर्क के जरिए ड्राइवर और कंट्रोलर किसी ट्रेन का रूट तय करते हैं। रेलवे के अफसर ने बताया कि अब जीएसएम-आर (ग्लोबल सिस्टम फॉर मोबाइल कम्युनिकेशन-रेलवेज) की जगह एलटीई -आर (लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन-रेलवेज) सिस्टम लगाया जा रहा है।