नई दिल्ली। कालेधन का मुद्दा लंबे समय से भारत के लंबे समय से चिंता का विषय रहा है। ऐसे में भारत के लिए शुक्रवार को स्विट्जरलैंड से राहतभरी खबर आई। स्विट्जरलैंड भारत और 40 अन्य देशों के साथ अपने यहां संबंधित देश के लोगों के वित्तीय खातों, संदिग्ध कालेधन से संबंधित सूचना साझा करने को मंजूरी दे दी।
अब इन देशों को गोपनीयता और सूचना की सुरक्षा के कडे नियमों का अनुपालन करना होगा। टैक्स संबंधी सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान (ऑटोमेटिक एक्सचेंज ऑफ इन्फर्मेशन) पर वैश्विक संधि को मंजूरी के प्रस्ताव पर स्विट्जरलैंड की संघीय परिषद (मंत्रिमंडल) की मुहर लग गई है। भारत-स्विट्जरलैंड के बीच ऑटोमैटिक इन्फार्मेशन शेयरिंग 2019 से लागू होगी।
मोदी सरकार को बड़ी कामयाबी
स्विटजरलैंड की तरफ से इस फैसले पर मुहर दोनों देशों के बीच लंबी बातचीत के बाद लगी है। मोदी सरकार के लिए यह बड़ी कामयाबी है, क्योंकि मोदी सरकार, आखिरकार स्विस सरकार को ऑटोमैटिक फाइनेंशियल अकाउंट्स इन्फॉर्मेशन शेयर करने पर सहमत कर सकी।