मुंबई। आईटी कर्मचारियों के 2 समूहों ने इंफोसिस के शीर्ष कार्यकारियों के वेतन पैकेज में भारी भरकम बढ़ोतरी पर चिंता जताई है। इन समूहों ने कहा है कि सॉफ्टवेयर क्षेत्र की दिग्गज कंपनी का यह कदम इस दृष्टि से काफी दर्द देने वाला है कि एक तरफ उद्योग में कर्मचारियों की छंटनी की जा रही है और दूसरी तरफ भारी भरकम वेतन वृद्धि की गई है।
इंफोसिस की वर्ष 2017 की वार्षिक रपट के अनुसार, कंपनी के कम से कम 4 कार्यकारियों के पैकेज में इससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 50 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसका ब्योरा कंपनी की वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया है।
आईटी कर्मचारियों के संगठन ने उठाया सवाल
आईटी कर्मचारियों के मंच एफआईटीई के महासचिव ए जे विनोद ने कहा, साल दर साल आईटी कंपनियां अपने पेशेवरों को बर्खास्त करती आ रही हैं और साथ में वे शीर्ष कार्यकारियों का वेतन बढ़ा रही हैं। यह वेतन आकर्षक वैरिएबल और शेयर प्रोत्साहन के नाम पर दिया जा रहा है। विनोद ने कहा कि वे उन राजनीतिज्ञों की तरह है जो लोगों की समस्या पर चिंता किए बिना अपने वेतन बढ़ा लेते हैं। एफआईटीई की मौजूदगी चेन्नई, पुणे और बैंगलूर सहित 9 आईटी हब में है। न्यू डेमोक्रेटिक लेबर फ्रंट (एनडीएलएफ) के कानूनी सलाहकार सुरेश ने कहा कि इंफोसिस सहित अन्य कंपनियों के शीर्ष कार्यकारियों को समझना चाहिए, उन्हें यह वेतनवृद्धि उनके कर्मचारियों की रोजाना 10 से 12 घंटे की मेहनत की वजह से मिल रही है।