मुंबई। योग गुरु बाबा रामदेव और उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण की कंपनी पतंजलि अब बैल से बिजली बनाने की तैयारी में जुटी हुई है। इसके लिए कंपनी 'बुल पावर' पर काम रही है। बताया जा रहा है कि इस आइडिया पर डेढ साल से काम किया जा रहा है और कुछ सफलता भी हाथ लगी है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पशुओं को बूचड़खाने न भेजा जाए।
एक अखबार की खबर के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट पर करीब डेढ़ साल से रिसर्च जारी है। इसमें आंशिक सफलता भी मिली है। पतंजलि के साथ इस प्रोजेक्ट में देश की एक बड़ी मल्टीनेशनल ऑटोमोबाइल कंपनी और एक टर्की की एक कंपनी भी शामिल हैं। बुल पावर प्रोजेक्ट का एक प्रोटोटाइप बनाया गया है। इससे एक टर्बाइन वाली मशीन से करीब 2.5 किलोवाट बिजली पैदा किए जाने की खबर है। यह प्रोजेक्ट पतंजलि के मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण की पहल पर शुरू किया गया था।
पतंजलि यह बिजली बेचेगी नहीं। यह तकनीक किसानों को दी जाएगी ताकि वह इसका उपयोग अपने लिए कर सकें। कंपनी एक ऐसा डिजाइन तैयार करने की कोशिश कर रही है, जिसे उन किसानों को बिजली पैदा करने के लिए दिया जा सके जिनके पास बैल हैं। इस तरीके से जेनरेट होने वाली इलेक्ट्रिसिटी को आसानी से स्टोर किया जा सकता है।
अखबार ने बालकृष्ण के हवाले से कहा है कि जब बड़ी संख्या में बैलों को काटा जा रहा है, तो हम यह धारणा बदलना चाहते हैं कि बैल बहुत कीमती नहीं होते। पतंजलि हरिद्वार के अपने मुख्यालय में इस पर रिसर्च कर रही है। बैलों का सुबह खेतों में और शाम को इलेक्ट्रिसिटी जेनरेशन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। आचार्य के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य गरीबों तक बिजली पहुंचाना भी है।