मुंबई। इस साल मार्च में ही मई और जून जैसी गर्मी का अहसास हुआ। मौसम विभाग पहले ही सामान्य से 6-7 डिग्री ऊपर पारा रहने की आशंका जता चुका है। लेकिन पारा मार्च में ही 40 डिग्री के पार चला गया। अनाज का हार्वेस्टिंग सीजन है, उसके लिए तो ठीक है। हरी सब्जियों पर यह आसमानी तपिश भारी पड़ेगी। मार्च में ही सब्जियों की सप्लाई में तकरीबन 15-25 प्रतिशत तक कमी आई है। बढ़ती गर्मी से महंगाई के भड़कने की संभावना जताई जा रही है।
सप्लाई में 25 फीसदी की कमी
गौरतलब है कि मार्च में ही कुछ सब्जियों के दाम में काफी बढ़ोतरी हो चुकी है। पिछले साल बंपर प्रोडक्शन और अनुकूल मौसम से सब्जियों के दाम जमीन पर थे और किसानों को उनकी लागत निकालना भी मुश्किल हो रहा था। सप्लाई में करीब 15-25 फीसदी की कमी आई है, जिसके कारण कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। कारोबारियों का मानना है कि फरवरी और मार्च के मुकाबले अप्रैल में सब्जियों की सप्लाई आधी रह जाएगी। गर्मी से सब्जियों की पैदावार पर असर देखने को मिल रहा है।
गौरतलब है कि देश के 8 राज्यों के कई इलाकों में पारा 40 डिग्री के पार पहुंच गया है। महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा गर्मी पड़ रही है। पश्चिमी राजस्थान में तो गर्मी का 70 साल का रिकॉर्ड टूट गया है। महाराष्ट्र के पुणे, अकोला और नागपुर के अलावा राजस्थान के बाड़मेर में पारा 43 डिग्री के पार पहुंच गया है।