नई दिल्ली। रेलवे आधुनिक सुविधाओं वाले 5,000 एसी और बिना-एसी डिब्बों के विनिर्माण के लिए 20,000 करोड़ रूपए से अधिक की वित्तीय बोलियां आमंत्रित करेगी। इन डिब्बों का विनिर्माण पश्चिम बंगाल के कंचरापाड़ा रेल कारखाने में किया जाएगा।
रेलवे ने स्थानीय और मुख्यलाइनों की ट्रेन सेवाओं को बेहतर और तीव्र गति वाला बनाने के लिए इस कारखाने से हर साल 500 इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (ईएमयू) और मेनलाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (एमईएमयू) डिब्बे लेने का आश्वासन दिया है। आॅटोमेटिक दरवाजे, बेहतर हवा प्रणाली, जैवसुविधा युक्त शौचालय, बेहतर आंतरिक सज्जा वाले स्टेनलेस स्टील के इन रेल डिब्बों की रफ्तार मौजदा डिब्बों के मुकाबले तेज होगी।
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हम बंगाल की कंचरापाड़ा कोच फैक्टरी के लिए इसी महीने प्रस्ताव के लिए आग्रह पत्र (आरएफपी) मंगाने के निर्देश जारी करेंगे। अधिकारी ने कहा कि वित्तीय बोलियां इस लिहाज से मंगाई जाएगी कि जो भी पक्ष बोली लगाएगा वह संगठन की जरूरतों को पूरा करने के योग्य हो। ये बोलियां इस तरीके से मंगाई जाएगी कि इनकी आपस में आसानी से तुलना की जा सके।
रेलवे ने पिछले साल जून में योग्यता संबंधी आग्रह पत्र आमंत्रित किए थे।
ये पत्र अगले दस साल के दौरान संयुक्त उद्यम के जरिए 5,000 आधुनिक ईएमयू, एमईएमयू डिब्बों के विनिर्माण के लिए मंगाए गए। इसकी अच्छी प्रतिक्रिया मिली। इसके तहत कनाडा की बांबार्डियर, जर्मनी की सीमेंस कंसोर्सियम, फ्रांस की अल्सटॉम, चीन के सीआरआरसी कार्पोरेशन कंसोर्सियम, स्विटजरलैंड से स्टाडलर और भारत की मेधा कंसोर्सियम और भेल वित्तीय बोलियां लगाने के लिए पात्र पाई गईं। प्रस्तावित संयुक्त उद्यम में रेलवे की 26 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी।