नई दिल्ली। गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) से भारत की इकनॉमिक ग्रोथ 4.2 पर्सेंट तक बढ़ सकती है क्योंकि मैन्युफैक्चर्ड गुड्स पर कम टैक्स लगने से उत्पादन बढ़ेगा और प्रॉडक्ट्स सस्ते होंगे। अमेरिका के फेडरल रिजर्व ने इंटरनैशनल फाइनैंस डिस्कशन पेपर में यह बात कही है। फेडरल रिजर्व ने कहा है कि जीएसटी से प्रॉडक्शन प्रॉसेस में कमियां दूर होंगी।
जीएसटी से केंद्र और राज्यों के करों का मौजूदा बड़ा असर समाप्त हो जाएगा। फेडरल रिजर्व ने इसे आजादी के बाद से सबसे बड़ा टैक्स रिफॉर्म बताते हुए कहा है कि इससे कम से कम 10 इनडायरेक्ट टैक्स एक टैक्स में मिल जाएंगे। इससे ट्रेड को लेकर डोमैस्टिक और इंटरनेशनल रुकावटों में भी कमी आने की संभावना है। फेडरल रिजर्व का कहना है कि 16 पर्सेंट के अग्रीगेटेड वेटेड जीएसटी को मानते हुए देश के जीडीपी पर 4.2 पर्सेंट का पॉजिटिव असर पड़ेगा।