20 Apr 2024, 16:00:01 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
Business

टाटा को झटका, SC ने दिया ताज मानसिंह होटल की ई-नीलामी का आदेश

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Apr 20 2017 2:03PM | Updated Date: Apr 20 2017 2:05PM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

नई दि‍ल्‍ली। नई दिल्ली के पॉश मानसिंह रोड पर बने ताज मानसिंह होटल की ई-नीलामी को सुप्रीम कोर्ट ने हरी झंडी दे दी है। कोर्ट ने टाटा ग्रुप की नीलामी रोकने की याचिका खारिज करते हुए यह फैसला सुनाया। मौजूदा समय में यह होटल इंडियन होटल्‍स कंपनी लिमिटेड (आई.एच.सी.एल.) द्वारा चलाया जा रहा है। 
 
कोर्ट ने नई दिल्‍ली म्‍युनिसिपल काऊंसिल (एन.डी.एम.सी.) को कहा है कि अगर नीलामी में टाटा ग्रुप को सफलता नहीं मिलती तो उसे होटल खाली करने के लिए 6 महीने का वक्त दिया जाए। इससे पहले एन.डी.एम.सी. ने कोर्ट में जवाब दाखिल कर कहा था कि वो ई-ऑक्शन कराना चाहती है। 
 
पीठ ने हालांकि एनडीएमसी से कहा कि अगर टाटा समूह ई नीलामी में हार जाता है तो वह होटल खाली करने के लिए कंपनी को छह माह का वक्त दे। पीठ ने यह भी कहा कि एनडीएमसी को इस ऐतिहासिक संपत्ति की ई नीलामी करते वक्त टाटा समूह की कंपनी आईएचसीएल के बेदाग इतिहास को भी ध्यान में रखना चाहिए। एनडीएमसी ने तीन मार्च को शीर्ष न्यायालय से कहा था कि वह होटल की ई नीलामी करना चाहती है।
 
 
शीर्ष न्यायालय ने होटल की नीलामी मंजूर करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने पर आईएचसीएल से एक सप्ताह के भीतर अपनी आपत्तियां, अगर कोई हों तो उन्हें दाखिल करने के लिए कहा था।
 
आईएचसीएल ने अपनी याचिका में कहा था कि यह ‘‘स्पष्ट नहीं’’ है कि एनडीएमसी उस संपत्ति को नीलाम क्यों करना चाहती है जिसने उसे ‘‘सर्वश्रेष्ठ राजस्व’’ दिया है।
 
कंपनी ने कहा कि एनडीएमसी विशेषज्ञ रिपोर्ट में भी कहा गया है कि अगर होटल को किसी दूसरी पार्टी को नीलाम किया गया तो परिषद ‘‘राजस्व खो’’ देगी।
 
उच्चतम न्यायालय ने पिछले वर्ष 21 नवंबर को अपने आदेश में होटल ताज मानसिंह की नीलामी में यथा स्थिति बनाए रखने को कहा था.
आईएचसीएल ने होटल की नीलामी को हरी झंडी देने वाले दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ शीर्ष न्यायालय में आठ नवंबर को अपील की थी।
 
गौरतलब है कि यह एनडीएमसी की संपत्ति है जिसे आईएचसीएल को 33 साल के पट्टे पर दिया गया था। पट्टे की यह अवधि 2011 में समाप्त हो गई जिसके बाद अनेक आधार पर कंपनी को नौ अस्थाई विस्तार दिए जा चुके हैं जिनमें से तीन एक्टेंशन तो पिछले वर्ष ही दिए गए थे।
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »