नई दिल्ली। मार्च 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान के बाद घरेलू रसोई गैस के लिए एलपीजी सिलेंडर पर सब्सिडी छोड़ने वाले ग्राहक अब सब्सिडी वापस चाहते हैं। इसके लिए देशभर से एक लाख 12 हजार लोगों के आवेदन पेट्रोलियम मंत्रालय को 1 अप्रैल 2107 तक मिल चुके हैं। इसे हाल ही में बिना सब्सिडी वाले सिलेंडर के दामों में हुई भारी बढ़ोत्तरी से जोड़कर भी देखा जा रहा है।
सिलेंडर के दामों में हुई बढ़ोतरी का असर दिखा
सितंबर 2016 में बिना सब्सिडी वाला सिलेंडर 470 जबकि सब्सिडी वाला सिलेंडर 420 रुपए का था। वहीं अप्रैल 2017 में सब्सिडी वाला सिलेंडर 440 रुपए जबकि बिना सब्सिडी वाला सिलेंडर 725 रुपए का हो गया है। इस तरह से देखा जाए तो करीब एक साल में सब्सिडी और बिना सब्सिडी वाले सिलेंडर के दामों में 50 रुपए के मुकाबले 285 रुपए का फर्क हो गया है। हर राज्य से आ रहे आवेदन पेट्रोलियम मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार 1 अप्रैल, 2017 तक 1.12 लाख लोगों ने एलपीजी से छोड़ी गई सब्सिडी को वापस हासिल करने की मांग की है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्च 2015 में एलपीजी सब्सिडी छोड़ने के लिए गिव इट अप कैंपेन की शुरुआत की थी। ताकि उन गरीब लोगों के घरों में भी एलपीजी सिलेंडर पहुंचे, जिन तक सिलेंडर नहीं पहुंच पा रहा है। इसके बाद 1.05 करोड़ लोगों ने मर्जी से एलपीजी की सब्सिडी छोड़ दी थी। अब दो साल बाद लगभग 1.12 लाख लोगों ने अपनी सब्सिडी वापस हासिल करने के लिए आवेदन दिया है।
कहां से कितने मिले आवेदन
सब्सिडी वापस मांगने के आवेदनों में गुजरात से 4700, महाराष्ट्र से 23000, राजस्थान से 9954, कर्नाटक से 9000, तमिलनाडु से 7600, मध्य प्रदेश से 5027, बिहार से 5646, पंजाब से 4914, उत्तर प्रदेश से 13500, केरल से 3928, आंध्र प्रदेश से 4302, तेलंगाना से 3950 और पश्चिम बंगाल से 4600 आवेदन मिले हैं।