19 Apr 2024, 14:00:20 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
Business

बिस्कुट को जीएसटी के सबसे निचले स्लैब में रखने की मांग

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Apr 9 2017 10:45AM | Updated Date: Apr 9 2017 10:45AM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

नई दिल्ली। छोटे बच्चों से लेकर वृद्ध लोगों तक और गरीब से लेकर अमीरों तक, भारत में बिस्किट हर किसी का पसंदीदा पैक्ड फूड है। जीएसटी लागू होने से आपका फेवरेट बिस्किट महंगा हो सकता है। इसी को लेकर बिस्किट बनाने वाली कंपनियों ने जीएसटी काउंसिल से मांग की है कि जीएसटी सिस्टम में बिस्किट इंडस्ट्री को टैक्स के सबसे निचले स्लैब में रखा जाना चाहिए।
 
बिस्किट इंडस्ट्री का कहना है कि अगर जीएसटी के कारण रेट्स बढ़ते हैं तो इससे हर किसी के जीवन पर असर पड़ेगा। भारत में बिस्किट 85 प्रतिशत से ज्यादा घरों में खाए जाते हैं। फेडरेशन आॅफ बिस्किट मैन्युफैक्चरर्स आॅफ इंडिया ने जीएसटी परिषद से आग्रह किया है कि व्यापक कंजंप्शन को ध्यान में रखते हुए बिस्किट को जीएसटी के सबसे नीचे के स्लैब में रखा जाना चाहिए।
 
एफबीआईएम के अनुसार सभी बिस्किट्स को जीएसटी के न्यूनतम टैक्स स्लैब में रखना सरकार की अन्य अच्छी नीतिगत पहलों के अनुरूप ही होगा। संगठन ने बताया कि भारत में बिस्किट इंडस्ट्री 37,500 करोड़ की है और नोटबंदी का इंडस्ट्री पर सही असर नहीं पड़ा था। इससे इस क्षेत्र के विस्तार और फलने-फूलने में मदद मिलेगी। उल्लेखनीय है कि जीएसटी परिषद ने जीएसटी सिस्टम के लिए चार स्तरीय कर स्लैब रखा है। परिषद ने इसके लिए 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत के टैक्स स्लैब को अंतिम रूप दिया है।
 
परिषद को अपनी अगली बैठक में अब यह तय करना है कि किस वस्तु पर किस दर से जीएसटी लगाया जाएगा। संगठन का कहना है कि बिस्किट्स पर ऊंची दर से टैक्स लगाया गया तो इसका नकारात्मक असर पूरी रेट सीरीज पर पड़ेगा। संगठन ने कहा कि अगर बिस्किट्स के रेट बढ़ते हैं तो मांग घटेगी और उससे किसानों से लेकर निवेश, निर्यात और रोजगार पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। संसद ने जीएसटी के क्रियान्वयन से संबंधित चारों विधेयकों को मंजूरी दे दी है। जीएसटी लागू करने से संबंधित संसद का विधायी कार्य पूरा कर लिया गया है। अब राज्यों को जीएसटी विधेयक को मंजूरी देनी है।
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »