नई दिल्ली। देश में 1 जुलाई से ऐतिहासिक वस्तु एवं सेवा कर (GST) का रास्ता साफ करते हुए राज्य सभा ने गुरुवार को चार विधेयकों को बिना किसी संशोधन के अपनी मंजूरी दे दी। इन चार बिलों में सी-जीएसटी, आईजीएसटी, यूटीजीएसटी और जीएसटी मुआवजा बिल शामिल है।
इसके साथ ही सरकार ने आश्वस्त किया कि नई कर प्रणाली में उपभोक्ताओं और राज्यों के हितों को पूरी तरह से सुरक्षित रखा जाएगा तथा कृषि पर कर नहीं लगाया जाएगा।
बता दें इस बिल से जुड़े हुए चार विधेयक 29 मार्च को लोकसभा में पास हो चुके है। अब सभी राज्यों को स्टेट जीएसटी विधेयक अपनी-अपनी विधानसभाओं में पारित कराना होगा इसके बाद ही नया जीएसटी कानून लागू किया जा सकेगा।
राज्यसभा में बिल पास होने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार को उम्मीद है कि 1 जुलाई से देशभर में GST कानून लागू हो जाएगा। उन्होंने कहा इससे आम आदमी पर टैक्स का बोझ कम हो जाएगा। केंद्र सरकार के साथ-साथ पूर्व प्रधानमंत्री और अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह ने इस कदम ऐतिहासिक बताया है।
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने जीएसटी व्यवस्था में 0, 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत की दरें तय की हैं। लक्जरी कारों, बोतल बंद वातित पेयों, तंबाकू उत्पाद जैसी अहितकर वस्तुओं एवं कोयला जैसी पर्यावरण से जुड़ी सामग्री पर इसके ऊपर अतिरिक्त उपकर भी लगाने की बात कही है।
ये थे चार विधेयक
1.केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर
2. एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर
3. वस्तु एवं सेवा कर
4. संघ राज्य क्षेत्र वस्तु
स्लैब क्या होगा?
सरकार 1 जुलाई से जीएसटी बिल को लागू करना चाहती है। जीएसटी लागू होने के बाद पूरे देश में एक ही टैक्स लगेगा, अभी अलग-अलग राज्यों में अलग अलग टैक्स की व्यवस्था है। अब 5, 12, 18 और 28 फीसदी के हिसाब से अलग अलग सामान और सेवाओं पर टैक्स लगेगा।