मुंबई। सार्वजनिक क्षेत्र के देश के सबसे बड़े भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने एक अप्रैल, 2016 से पहले ऋण ले चुके लोगों को राहत देते हुए अपनी ब्याज दर में 0.15 फीसदी की कटौती कर इसे 9.10 फीसदी कर दिया है। जो एक अप्रैल, 2017 से लागू हो गया है। इससे ग्राहकों को लोन की ब्याज दरों में कमी आएगी और लोन सस्ता होगा।
एसबीआई के बेस रेट घटने का फायदा बैंक के पुराने ग्राहकों को मिलेगा और उनके होम लोन की दरें 9.25 फीसदी से घटकर 9.10 फीसदी हो गई। बेस रेप सस्ते होने से ग्राहकों के होम लोन, कार लोन, बिजनेस लोन, पर्सनल लोन सहित सभी के ब्याज दर कम हो जाएंगे। माना जा रहा है कि एसबीआई का बेस रेट कम होने से आपके लोन की ईएमआई में सालाना कम से कम दो हजार रुपए की बजत होगी।
हालांकि एसबीआई ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लैंडिंग रेट्स (एमसीएलआर) में कटौती नहीं की है, जिसकी वजह से नए ग्राहकों को सस्ते लोन का फायदा नहीं मिलेगा। खबरों के मुताबिक एमसीएलआर से एसबीआई के सिर्फ 30 से 40 फीसदी फ्लोटिंग रेट लोन जुड़ है, जबकि 60 से 70 फीसदी लोन की इंटरनेट बेस रेट से जुड़े हुए है। फिलहाल एसबीआई का एक साल का एमसीएलआर 8 फीसदी और 2 साल का 8.1 फीसदी पर है।
क्या है बेस रेट?
बैंकों में बेस रेट वह न्यूनतम दर होती है जिस पर बैंक अपने ग्राहकों को सभी तरह के लोन देते हैं। कोई भी बैंक बेस रेट से कम पर अपने ग्राहकों को लोन नहीं दे सकता है और इसकी निगरानी रिजर्व बैंक द्वारा की जाती है। वहीं एमसीएलआर बैंकों का लोन की दरें तय करने का फॉर्मूला होता है जो कि बैंक के जमा और उधारी की दरों के आधार पर तय किया जाता है।