भोपाल। प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दो साल पहले उपभोक्ताओं को जोरदार हाईवोल्टेज झटका लगा है। मप्र विद्युत नियामक आयोग ने 2017 -18 के लिए बिजली का नए टैरिफ प्लान शनिवार को जारी कर दिया है। राज्य की विद्युत वितरण कंपनियों के प्रस्तावों पर विद्युत नियामक आयोग ने नया टैरिफ जारी किया है जिसमें घरेलू उपभोक्ताओं को झटका देते हुए लगभग 10 फीसदी बिजली महंगी की गई है।
गौरतलब है कि विद्युत नियामक आयोग ने लगातार तीसरे साल बिजली की दरों में इजाफा किया है।
पिछले साल करीब 9 फीसदी बिजली की दरों में इजाफा किया गया था। आयोग द्वारा जारी बिजली की नई दरें एक अप्रैल से लागू की गई हैं, यानी टैरिफ प्लान जारी होते ही लागू हो गया है। नई दरें अप्रैल माह के बिजली बिल में शामिल होंगी। घरेलू तथा गैर-घरेलू उपभोक्ताओं द्वारा प्री-पेड मीटर लेने पर ऊर्जा प्रभार में दी जाने वाली छूट 5 पैसे प्रति यूनिट से बढ़ाकर 20 पैसे प्रति यूनिट कर दी गई है। इसके अलावा वृद्धावस्था आवास गृहों, डे-केयर सेंटर, रेस्क्यू सेंटर तथा शासन एवं धर्मस्व न्यास द्वारा संचालित अनाथालयों को सस्ते रेट में बिजली देने के लिए प्लान बनाया गया है। 4शेष पेज-9 पर
बिजली हुई 10 फीसदी महंगी.....उपभोक्ताओं की टूटेगी कमर
विद्युत नियामक आयोग के फैसले से राज्य के 1 करोड़ 20 लाख बिजली उपभोक्ताओं के लिए 1 अप्रैल से घरेलू बिजली की दरों में 10 फीसदी का इजाफा हुआ है। राज्य विद्युत नियामक आयोग ने घरेलू बिजली के अलावा कामर्शियल बिजली भी महंगी किया है। विद्युत नियामक आयोग ने टैरिफ के चारों स्लैब में इजाफा किया है। 0 से 50 यूनिट बिजली खपत करने पर अब उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 3.65 की जगह 3.85 रुपए देने होंगे। 300 यूनिट या उससे ज्यादा खपत करने वालों से प्रति यूनिट अब 6. 10 रुपए की बजाय 6.30 वसूले जाएंगे।
उभोक्ताओं को राहत नहीं-
प्रदेश की बिजली वितरण से जुड़ी तीनों कंपनियों की ओर से मप्र पावर मैनेजमेंट कंपनी ने आयोग के सामने जनवरी में याचिका दायर की थी। इसमें घरेलू दायर याचिका में घरेलू बिजली दरों में 10.65 फीसदी बढ़ोत्तरी की जरूरत बताई थी। आयोग ने कंपनी की इस याचिका के मद्देनजर उपभोक्ताओं व आम लोगों से 2 मार्च तक आपत्ति व सुझाव लिया था। आयोग ने मार्च में जबलपुर, इंदौर और भोपाल में जन सुनवाई की थी। इस दौरान आईं आपत्तियों के बाद आयोग तैयारियों में जुट गया था।
इस प्रकार बढ़ीं दरें-
-30 यूनिट तक प्रति यूनिट लगने वाले 2 रुपए 90 पैसे की जगह बढ़कर तीन रुपए 10 पैसे प्रति यूनिट किया गया है।
-50 यूनिट तक तीन रुपए 65 पैसे की जगह तीन रुपए 85 रुपए उपभोक्ताओं को देने होंगे।
-51 से 100 यूनिट तक चार रुपए 35 पैसे की जगह चार रुपए 70 पैसे देना होंगे।
-100 से 300 यूनिट तक 5 रुपए 60 पैसे की जगह छह रुपए प्रति यूनिट देना होंगे।
-300 से ऊपर खपत वाले बिजली उपभोक्ताओं को 6 रुपय 10 पैसे की जगह 6 रुपए 50 पैसे देना होंगे।
- उद्योगों को भी अब बढ़ी दरों पर बिजली मिलेगी, आयोग ने उद्योगों के लिए 5.02 फीसदी बढ़ोतरी की है, जबकि शॉपिंग मॉल से जुड़े उपभोक्ताओं को अब 5.5 फीसदी महंगी बिजली मिलेगी।
- ग्रामीण क्षेत्रों में जिन घरों में मीटर नहीं हैं, उनसे 300 से 500 वाट तक 75 यूनिट तक बिजली उपयोग करने पर 4 रुपए 30 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से बिल देना होगा।
आॅन लाइन बिल जमा करने पर छूट
आयोग ने तय किया है कि जिन घरेलू उपभोक्ताओं द्वारा आॅन लाइन बिजली बिल का भुगतान किया जाएगा। उनको बिल में 5 फीसदी तक छूट दी जाएगी। इसमें कम से कम 5 एवं अधिकतम 20 रुपए की छूट मिलेगी। वहीं व्यावसायिक उपभोक्ताओं को आॅन लाइन बिल जमा करने पर 5 फीसदी छूट छूट दी जाएगी जिसमें अधिकतम राशि एक हजार रुपए होगी। आयोग ने पहली बार ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अमीटर कृत कनेक्शन के लिए टैरिफ प्लान तैयार किया है जिसमें अगल-अलग केटेगरी से बिलों की वसूली की जाएगी। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में 200 से 300 वाट तक दो कमरों में 60 यूनिट तक बिजली का उपयोग करने वालों को 4 रुपए 17 पैसे प्रति यूनिट बिल देना होगा। इसी प्रकार अन्य श्रेणियों के उपभोक्ताओं को अलग-अलग यूनिटों में औसत खपत के आधार पर बिलों का भुगतान करना होगा।
4400 करोड़ रुपए मांग के प्रस्ताव-
विद्युत नियामक आयोग से प्रदेश की तीनों वितरण कंपनियों ने 32 हजार 73 करोड़ की राजस्व की जरूरत के लिए टैरिफ के माध्यम से 4400 करोड रुपए की मांग के प्रस्ताव दी थीं। आयोग ने बताया है कि प्रदेश में 30 यूनिट तक बिजली उपभोग करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं की संख्या 38 लाख है। 31 यूनिट से 50 यूनिट तक बिजली का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं करीब 10 लाख हैं। इन श्रेणी के उपभोक्ताओं की दरों में 6.9 फीसदी का इजाफा किया गया है। कंपनियों में एक समान विद्युत दरें जारी रखने तथा कृषि उपभोक्ताओं को फ्लैट रेट पर बिजली दी जाएगी।
सब्सिडी के लिए सरकार ने मांगी अनुमति
घरेलू और गरीब उपभोत्ताओं को बिजली बिलों में सब्सिडी देने के लिए सरकार ने विद्युत नियामक आयोग से अनुमति मांगी है। बताया जा रहा है कि सरकार घरेलू और गरीब विद्युत उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए करीब 1 हजार करोड़ रुपए की छूट देती है, जिसके लिए सराकर ने आयोग से अनुमति मांगी है।