नई दिल्ली। केंद्र सरकार 500 और 2000 रुपये के नोटों के ऊपर लगे सिक्योरिटी मार्क को हर तीन से चार साल में बदलने का प्लान बना रहा है। खबर के मुताबिक ऐसा करने के पीछे की वजह जाली नोटों की समस्या पर रोक लगाना है।
बताया जा रहा है कि सरकार वैश्विक मानकों के अनुसार बड़े मूल्य वर्ग के नोटों के सुरक्षा चिन्ह बदलने का प्लान बना रही है। सूत्रों की माने तो इस मुद्दे को लेकर गुरुवार को दिल्ली में एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि सहित वित्त और गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी भी मौजूद थे। इसके बाद यह फैसला किया गया है।
गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि ज्यादातर विकसित देश अपने मुद्रा नोटों में सुरक्षा फीचर हर 3-4 साल में बदल देते हैं। इसलिए भारत को भी इस नीति को फॉलो करना चाहिए।
नए नोटों में नहीं हैं सुरक्षा फीचर्स
अधिकारियों के अनुसार, देश में उच्च मूल्य के करेंसी नोटों के डिजाइन में लंबे समय से कोई बदलाव नहीं किया गया। 1000 रुपए का नोट साल 2000 में आया था और उसके बाद नोट में कोई प्रमुख बदलाव नहीं किया गया। 1987 में 500 रुपए के नोट में 10 साल पहले कुछ बदलाव किए गए थे। नए लॉन्च हुए नोटों में भी कोई अतिरिक्त सुरक्षा फीचर नहीं है और इनके सुरक्षा फीचर की बात करें तो पुराने 1000 और 500 के नोट जैसे ही हैं।
नकली नोटों में पाए गए 17 में से 11 सुरक्षा फीचर्स
हाल ही में पकड़े गए जाली नोटों को गौर से देखने पर जांचकर्ताओं ने पाया कि 2000 रुपए के नोटों में 17 में से 11 सिक्योरिटी फीचर्स की नकल की गई है। अधिकारियों ने बताया कि इनमें नोट के पारदर्शी क्षेत्र, अशोक स्तंभ, बायीं तरफ लिखा ‘Rs 2000’, रिजर्व बैंक और इंडिया के गवर्नर के हस्ताक्षर और गारंटी क्लॉज और देवनागरी में लिखा रुपए का मूल्य मिलता-जुलता था। इसके अलावा, चंद्रयान और स्वच्छ भारत के लोगो की भी नकल हूबहू की गई थी।