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अब हवाई सफर का सपना होगा पूरा, मिलेगी सस्ती उड़ान सेवा

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Apr 1 2017 10:50AM | Updated Date: Apr 1 2017 10:50AM
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नई दिल्ली। सरकार की क्षेत्रीय संपर्क योजना 'उड़े देश का आम नागरिक' (उड़ान) के तहत पांच एयरलाइन कंपनियां 128 मार्गों पर उड़ानों का परिचालन करेंगीं। इनमें 30 हवाईअड्डे ऐसे भी हैं जिनका अभी इस्तेमाल नहीं होता है। इस योजना में एक घंटे की उड़ान के लिए अधिकतम किराया 2,500 रुपए होगा। इन उड़ानों से 20 से अधिक राज्यों के हवाई अड्डों को जोड़ा जाएगा।
 
नागर विमानन सचिव आर. एन. चौबे ने कहा कि उडान योजना के तहत पहली उड़ान अगले महीने शुरू होने की उम्मीद है। कुल 70 हवाई अड्डों को उड़ान योजना से जोड़ा जाएगा। इनमें 31 हवाई अड्डे ऐसे हैं जिनका बिल्कुल इस्तेमाल नहीं हो रहा जबकि 12 हवाई अड्डे ऐसे हैं जिनका कम इस्तेमाल हो रहा है। चौबे ने बोली में विजेताओं और मार्गों की घोषणा की।
 
उन्होंने बताया कि कुल 128 मार्ग पांच विमानन कंपनियों को आवंटित किए गए हैं। ये विमानन कंपनियां हैं- एयर इंडिया की सब्सिडियरी एयरलाइन एलाइड सर्विसेज, स्पाइसजेट, एयर डेक्कन, एयर ओडिशा और टर्बो मेघा। ये विमानन कंपनियां इन मार्गों पर 19 से 78 सीटों के विमानों को उड़ाएंगीं। इनमें पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और पुडुचेरी शामिल हैं।
 
उड़ान से जो अन्य हवाई अड्डे जुड़ेंगे उनमें बठिंडा, शिमला, बिलासपुर, नेवेली, कूच बिहार, नांदेड़ और कडापा शामिल हैं। चौबे ने कहा कि हर एक उड़ान में 50 प्रतिशत सीटों के लिए अधिकतम किराए की सीमा 2,500 रुपये प्रति सीट (एक घंटा) रिजर्व होगी।
 
उड़ान के तहत 'एयरलाइन एलाइड सर्विसेज' 15 मार्गों, स्पाइसजेट 11, टर्बो मेघा एयरवेज 18, एयर डेक्कन 34 और एयर ओडिशा एविएशन 50 मार्गों पर परिचालन करेगी। उड़ान के तहत ऑपरेटरों को उनकी परियोजना को व्यावहारिक बनाने के लिए लोन सुविधा दी जाएगी। इसके लिए दिल्ली और मुंबई जैसे प्रमुख मार्गों की उडानों पर 8,500 रुपये तक का शुल्क लगाकर आंशिक रुप से पैसा जुटाया जाएगा।
 
चौबे ने बताया कि पहले दौर की बोली में चुने गए ऑपरेटरों के लिए परियोजना को व्यावहारिक बनाने की लागत सालाना 205 करोड़ रुपये बैठने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि पहले दौर में चुने गए हवाई अड्डे उडानों के लिए तैयार हैं या तैयार होने वाले हैं। नागर विमानन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने कहा कि ऑपरेटरों को चुनने का मानदंड प्रत्येक की प्रति सीट परियोजना को व्यावहारिक बनाने के स्तर पर आधारित है।
 
स्पाइसजेट के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अजय सिंह ने कहा कि उनकी एयरलाइन परियोजना को व्यावहारिक बनाने के लिए वित्तीय मदद नहीं लेगी। वहीं केपीएमजी इंडिया के वैमानिकी एवं रक्षा प्रमुख तथा भागीदार अंबर दुबे ने कहा कि उड़ान के लगातार परिचालन के लिए समय पर परियोजना को व्यावहारिक बनाने के लिए वित्त का भुगतान किया जाना जरूरी है।
 
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