मुंबई। होली पर बचत खाताधारकों के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शानदार तोहफा दिया है। नोटबंदी के बाद बचत खाते से पैसे निकालने की सीमा 13 मार्च से खत्म हो गई है। इतना ही नहीं, सोमवार से नोटबंदी के बाद विभिन्न खातों से निकासी पर लगाई गई सभी प्रकार की सीमाएं समाप्त हो जाएंगी। अब तक बचत खातों से हर सप्ताह अधिकतम 50 हजार रूपए निकाले जा सकते थे।
बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल आठ नवंबर को रात आठ बजे 500 और 1000 के नोट बंद कर दीए थे जिसके बाद कैश निकासी पर लिमिट तय की थी। शुरुआत में एटीएम से 2000 रुपए रोजाना निकालने की इजाजत थी, जिसे बाद में इसे बढ़ाकर 2500 रुपए कर दिया गया था। आरबीआई ने इस सीमा को 31 दिसंबर 2016 को फिर से रिवाइज किया गया और 1 जनवरी 2017 से लागू नियम के मुताबिक एटीएम से 4500 प्रतिदिन कैश निकालने की अनुमति दी गई।
फिर एक फरवरी से लोगों को अपने खातों से सप्ताह में 24 हजार रुपये निकालने की छूट दी थी। हालात सुधरे तो फिर से 20 फरवरी लोगों को और राहत दी गई, जिसके तहत ग्राहको के लिए एक सप्ताह में 50 हजार रुपये निकालने की मंजरी दी।
बता दें कि आम लोगों व छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत देते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार (30 जनवरी) को एटीएम व चालू खातों से दैनिक नकदी निकासी पर सीमा को समाप्त कर दिया था, लेकिन बचत बैंक खातों से निकासी पर 24000 रुपए की साप्ताहिक सीमा जारी रखी थी। केंद्रीय बैंक ने इसके साथ ही वादा किया था कि प्रणाली में नकदी लौटने की गति को ध्यान में रखते हुए वह साप्ताहिक सीमा पर भी भविष्य में फिर से विचार करेगा। केंद्रीय बैंक ने कहा था,‘बाजार में गई नकदी के बैंक में लौटने की गति की समीक्षा करने के बाद पूर्व की स्थिति को आंशिक रूप से बहाल करने का फैसला किया गया है।
नोटबंदी के बाद 13 दिसंबर को जारी किए गए आरबीआई ने अपने एक वक्तव्य में कहा था कि लगभग 12.44 लाख करोड़ के नोट वापस आ चुके हैं। 8 नवंबर के पहले बाजार में कुल 15.44 लाख करोड़ की नकदी मौजूद थी। नोटबंदी पर देश के कई अर्थशास्त्रियों का मानना है कि 30 दिसंबर तक लगभग 13 से 13.5 लाख करोड़ के पराने नोट जमा हो जाएंगे। इससे पहले 1978 में तत्कालीन सरकार ने अध्यादेश के जरिये नोटबंदी लागू की थी।