मुंबई। देश में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दिए जाने के साथ ही इसे सुरक्षित एवं सरल बनाने के प्रयासों के तहत रिजर्व बैंक ने सोमवार को 'भारत क्यूआर कोड' जारी किया हैं।
रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर आर. गांधी ने भारत क्यूआर कोड जारी करते हुए कहा कि यह भारतीय उद्योग जगत के लिए ऐतिहासिक क्षण है, क्योंकि यह दुनिया का पहला किफायती, इंटरपोर्टेबल और मोबाइल आधारित स्वीकार्य कोड है।
उन्होंने रिजर्व बैंक और भुगतान नेटवर्कों के दल को इसे कम समय में तैयार करने के लिए बधाई देते हुए कहा कि नवाचारी इंटरपोर्टेबल भारत क्यूआर कोड के सुरक्षित और सरल होने से देश में लेसकैश समाज के निर्माण में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में भारत ने एक नया बेंचमार्क स्थापित किया है जिसका दूसरे देश भी अनुसरण करेंगे।
उपभोक्ता भी कर सकेंगे उपयोग
गांधी ने कहा कि 1980 के दशक में देश में कार्ड का उपयोग शुरू हुआ था और अभी 15 लाख प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) है जो 80 करोड़ डेबिट/क्रेडिट कार्डों को देखते हुए बहुत कम है। परंपरागत पीओएस की लागत एवं परिचालन लागत अधिक होने से इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार नहीं हो पा रहा है। देश में मोबाइल धारकों की संख्या बढ़ने के साथ भुगतान के क्षेत्र में कई तरह से विकास हुआ है। अब क्यूआर कोड का उपभोक्ता भी उपयोग कर सकेंगे।
क्यूआर को जारी करने वाले बैंक स्टेट बैंक आऑफ इंडिया, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई, एचडीएफसी, बैंक आऑफ बडौदा, करुर वैश्य बैंक, सिटी यूनियन बैंक, रत्नाकर बैंक लि. विजया बैंक, पीएनबी बैंक हैं जबकि अधिग्रहण करने वाले बैंकों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई मर्चेंट सर्विस बैंक, एचडीएफसी, बैंक ऑफ बडौदा, करुर वैश्य बैंक, सिटी यूनियन बैंक, रत्नाकर बैंक लि. विजया बैंक, पीएनबी बैंक, यस बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, आईडीबीआई, डीसीबी और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया है।