नई दिल्ली। डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए रिजर्व बैंक ने डेबिट कार्ड से लेन-देन पर लगने वाले एमडीआर (मर्चेंट डिस्काउंट रेट) में व्यापक कटौती का प्रस्ताव किया है। नए नियमों के अमल में आने पर डेबिट कार्ड से लेन-देन पर 0.95 प्रतिशत से अधिक एमडीआर चार्ज नहीं लगेगा। माना जा रहा है कि यह प्रस्ताव 1अप्रैल से लागू करने का विचार है। केंद्रीय बैंक ने 20 लाख रुपए सालाना कारोबार करने वाले व्यापारियों, बीमा, म्युचअल फंड, शिक्षा और सरकारी अस्पताल जैसी सुविधाओं के लिए एमडीआर शुल्क लेन-देन का 0.40 फीसद रखने का प्रस्ताव किया है।
इसके बारे में बैंक ने एक मेमोरंडम भी जारी किया है। आपको बता दें कि अभी तक डेबिट कार्ड के जरिए भुगतान करने पर जो एमडीआर लिया जाता था उसमें 2 हजार के लेनदेन पर अधिकतम 0.75 फीसद शुल्क लगता था जबकि इससे ऊपर यह 1 प्रतिशत के हिसाब से लिया जाता है। इन दरों को साधाराण भाषा में समझा जाए तो 1000 रुपए तक के भुगतान पर ये दर 5 रुपए, 1000 से दो हजार रुपए के बीच के भुगतान के लिए 10 रुपए औऱ 2000 रुपए से ज्यादा के भुगतान के लिए ज्यादा से ज्यादा 250 रुपए का चार्ज लगेगा।
शुल्क में कटौती के लिए केंद्रीय बैंक ने डेबिट कार्ड लेनदेन के लिए एमडीआर को युक्तिसंगत बनाने के बारे में मसौदा परिपत्र जारी किया है। नोटबंदी के बाद रिजर्व बैंक ने इन शुल्कों में 31 मार्च तक कटौती की। रिजर्व बैंक का यह भी प्रस्ताव है कि सुविधा या सेवा शुल्क का भुगतान ग्राहक को नहीं करना होगा कि सूचना पट्टी दुकानदारों को दुकानों में लगानी होगी। उल्लेखनीय है कि डेबिट कार्ड के जरिए भुगतान आदि पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) शुल्क लगाया जाता है। रिजर्व बैंक ने एमडीआर शुल्क के लिहाज से कारेाबारियों को चार श्रेणियों में बांटने का प्रस्ताव किया है।