नई दिल्ली। हेलिकॉप्टर सेवा प्रदान करने वाली सरकारी कंपनी पवनहंस का स्वरूप पूरी तरह बदलकर 10 साल में हेलिकॉप्टरों की संख्या लगभग दोगुनी और राजस्व साढ़े तीन गुणा करने के लिए एक विस्तृत योजना तैयार की गई है। पवनहंस लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक बी.पी. शर्मा ने बताया कि कंपनी के कायाकल्प के लिए 'बिजनेस प्लान 2027' के नाम से एक ब्लूंप्रिट तैयार किया गया है। इन 10 वर्षों में हेलिकॉप्टरों की संख्या 43 से बढ़ाकर 80 की जाएगी।
सरकार के 'उड़े देश का आम नागरिक' (उड़ान) के तहत क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ावा देने के लिए स्वदेशी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से 10 ध्रुव एमके-3 हेलिकॉप्टर खरीदे जाऐंगे या लीज पर लिये जाऐंगे। दिलचस्प बात यह है कि यह ब्लूंप्रिट ऐसे समय में तैयार किया गया है जब केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पवनहंस में विनिवेश की मंजूरी दे दी है।
कंपनी में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी सरकार की तथा शेष 49 प्रतिशत तेल एवं गैस क्षेत्र की सार्वजनिक कंपनी ओएनजीसी की है। शर्मा ने यूनीवार्ता के साथ साक्षात्कार में बताया कि 'उड़ान' के तहत पवनहंस ने भी कुछ रूटों के लिए आवेदन किया है। लेकिन, योजना के लिए बोली प्रक्रिया पूरी होने से
पहले उन्होंने इस पर कोई और जानकारी देने से इनकार कर दिया। फिलहाल आरसीएस के लिए वित्तीय बोली प्रक्रिया जारी है। शर्मा ने बताया कि अभी कंपनी के पास 43 हेलिकॉप्टर हैं तथा मार्च तक बीईएल से उसे तीन और हेलीकॉप्टर मिलने वाले हैं। इस प्रकार मार्च तक उसके बेड़े में 46 हेलिकॉप्टर हो जाऐंगे।