29 Mar 2024, 11:35:19 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
Business

ओटीपी के लिए चार हवाईअड्डे होंगे ऑटोमेटिक

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Feb 3 2017 7:52PM | Updated Date: Feb 3 2017 7:52PM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

नई दिल्ली। मुंबई हवाई अड्डे पर विमानों की लैंडिंग का समय दर्ज करने में हेराफेरी पाऐ जाने के बाद निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी में संचालित देश के चार हवाई अड्डों दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और बेंगलुरु में एयरलाइंसों की समय की पाबंदी (ऑनटाइम पफॉर्मेंस) को आँकने के लिए इन्हें पूरी तरह ऑटोमेटेड करने पर विचार चल रहा है। विमान सेवा कंपनी इंडिगो ने आरोप लगाया था कि मुंबई हवाई अड्डे पर ओटीपी के मामले में एक विशेष एयरलाइंस को बेहतर दिखाने के लिए उसके लैंडिंग का समय गलत दर्ज किया जाता है।

इस सिलसिले में नियामक संस्था नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने मामले की जाँच की और आरोप सही पाया गया। इसके बाद मुंबई हवाई अड्डे ने अपने कर्मचारियों को निलंबित भी किया। आगे इस प्रकार की हेराफेरी रोकने के लिए डीजीसीए के संयुक्त महानिदेशक ललित गुप्ता की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है जिसके 15 से 20 दिन के भीतर रिपोर्ट सौंपने की उम्मीद है। साथ ही समिति पिछले साल नवंबर से अब तक के आँकड़ों की भी जाँच कर रही है।

डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नवंबर और दिसंबर के आधिकारिक आँकड़े जारी किये जा चुके हैं, लेकिन जाँच पूरी होने के बाद उनमें संशोधन किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस समय दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और बेंगलुरु हवाई अड्डों पर 36 प्रतिशत स्टैंडों पर ऑटोमेटिक प्रणाली से विजुअल डॉंकिग गाइडेंस सिस्टम (वीडीजीएस) के जरिए ओटीपी दर्ज किया जा रहा है। चार शहरों को मिलाकर कुल 375 स्टैंड हैं। इनमें दिल्ली में टर्मिनल 3 पर 68 स्टैंडों में से 48 स्टैंडों पर वीडीजीएस प्रणाली लगी हुई है

जबकि टर्मिनल 1 के सभी 70 स्टैंडों पर ये आँकड़े मैन्युअली दर्ज किए जाते हैं। मुंबई के 127 में से 43, हैदराबाद के 42 में से 25 तथा बेंगलुरु के 68 में से 19 स्टैंडों पर वीडीजीएस प्रणाली उपलब्ध है। डीजीसीए अधिकारी ने कहा कि समिति इन चारों शहरों में सभी स्टैंडों पर वीडीजीएस लगाने पर भी विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि अंतिम फैसला विभिन्न संबद्ध पक्षों से विचार-विमर्श के बाद लिया जाएगा। समिति कुछ तात्कालिक तथा कुछ दीर्घकालीक समाधान का सुझाव भी दे सकती है।

बीडीजीएस लगाने से ओटीपी सही-सही दर्ज करने के साथ लैंडिंग के बाद एयरोब्रिज के साथ विमान के अलाइनमेंट में भी मदद मिलेगी। यह प्रणाली विमान के मॉडल को स्वयं दर्ज कर यह बताती है कि विमान को कितना आगे-पीछे या दाहिनी-बाँई ओर ले जाने की जरूरत है। नवंबर से जनवरी तक के आँकड़ों में संशोधन के लिए एयरपोर्ट ऑपरेशनल कंट्रोल सेंटर के आँकड़ों का एटीसी के आँकड़ों के साथ मिलान किया जा सकता है।

  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »