नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद लगातार सवालों के घेरे में रहे भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा है कि नोटबंदी का जीडीपी पर थोड़े समय के लिए प्रभाव पड़ेगा लेकिन आगे इसका फायदा मिलेगा।
पटेल संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के सामने पेश हुए। सूत्रों के मुताबिक, पटेल ने कहा, 'आरबीआई ट्रांजेक्शन कॉस्ट कम कराने के लिए सर्विस प्रोवाइडर्स के साथ लगातार संपर्क में है।' उन्होंने कहा, 'नोटबंदी का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर थोड़े समय के लिए ही असर होगा और लंबे समय में यह फायदेमंद होगा।' इससे पहले भी पीएसी के सामने आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल पेश हुए थे। जिससे पीएसी संतुष्ट नहीं थी। कांग्रेस नेता केवी थॉमस पीएसी प्रमुख हैं।
पीएसी नोटबंदी के बाद कितना पैसा बैंकों में आया है? क्या ऐसा कोई कानून है जो लोगों को अपने ही धन तक पहुंचने से रोक सकता है? अर्थव्यवस्था में वापस कितना धन डाला गया है? जैसे सवाल का जवाब आरबीआई गवर्नर से चाहती है।
मुफ्त नहीं है डिजिटल ट्रांजैक्शन
डिजिटल माध्यमों से ट्रांजैक्शन कैश ट्रांजैक्शन की तरह मुफ्त में नहीं है। डिजिटल ट्रांजैक्शन को पूरा करने के लिए टेक्नोलॉजी का सहारा लेना पड़ता है। बैंको के जरिए होने वाले डिजिटल ट्रांजैक्शन की कॉस्ट बैंक भरते हैं। वहीं किसी दुकान से खरीदारी के लिए होने वाले डिजिटल ट्रांजैक्शन को दुकानदार की जेब से निकाला जाता है। इसके अलावा किसी डिजिटल ट्रांजैक्शन को पूरा करने के लिए कंज्यूमर को भी इंटरनेट बैंकिग, मोबाइल बैंकिग जैसी अन्य सेवाओं को इस्तेमाल करने के लिए एक कॉस्ट अदा करनी पड़ती है।
PAC की आपत्ति
नोटबंदी के फैसले पर गंभीर टिप्पणी करते हुए समिति ने कहा था कि जिस देश में कॉल ड्राप एक गंभीर समस्या है वहां सरकार कैसे पूरे देश को कैशलेस व्यवस्था पर ले जा सकती है। पब्लिक अकाउंट समिति देश में नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट की समीक्षा करता है और जरूरी मामलों में टिप्पणी कर सकता है। समिति के मुताबिक प्रधानमंत्री 50 दिन में स्थिति को सामान्य करने के वादे पर खरे नहीं उतरे हैं। लिहाजा, अहम सवाल किया था कि क्या केन्द्र सरकार ने अधूरी तैयारी के साथ नोटबंदी का फैसला लिया था। और अब इसके गंभीर परिणाम अर्थव्यवस्था के सामने हैं।