नई दिल्ली। नोटबंदी के फैसले के बाद सरकार देश को कैशलेस इकॉनमी की ओर ले जाने की कोशिश में लगी है। लेकिन सरकार की यह मंशा तब तक पूरी नहीं होगी जब तक ग्रामीण इलाकों में किफायती स्मार्टफोन उपलब्ध नहीं हो जाते। नीति आयोग की एक मीटिंग में सरकार ने माइक्रोमैक्स, इंटेक्स, लावा और कॉर्बन जैसी मोबाइल निर्माता कंपनियों से कहा है
कि वे कम कीमतों वाले स्मार्टफोन बनाए जिसके जरिए यूजर्स डिजिटल ट्रांजेक्शन कर सकें। खास बात ये है कि सरकार ने इसके लिए चाइनीज मोबाइल कंपनियों से संपर्क नहीं किया। सरकार का कहना है कि जब तक लोगों के पास स्मार्टफोन नहीं होंगे, वे डि़जिटल ट्रांजेक्शन नहीं कर सकेंगे। इसलिए लोकल मोबाइल कंपनियों से कहा गया है कि कि वे सस्ते स्मार्टफोन बनाए जिसमें आधार कार्ड को स्कैन करने जैसी सुविधाएं मौजूद हों।
कैशलेस ट्रांजेक्शन को ध्यान में रखकर ही सरकार ने हाल ही में भीम (BHIM) ऐप लॉन्च किया है, लेकिन इस ऐप का इस्तेमाल वे ही कर पाएंगे जिनके पास स्मार्टफोन मौजूद होगा। गौरतलब है कि भारत में स्मार्टफोन यूजर्स की संख्या 30 करोड़ है. जहां शहरों में स्मार्टफोन के इस्तेमाल का चलन ज्यादा देखने को मिलता है, वहीं गांवों में आज भी ज्यादातर लोगों के पास स्मार्टफोन उपलब्ध नहीं है।