नई दिल्ली। ई-गवर्नेंस पर दो दिवसीय बीसवें राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन सोमवार से आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में शुरू होगा, जिसमें वरिष्ठ सरकारी अधिकारी,तकनीकी विशेषज्ञ, शिक्षा जगत से जुड़ी हस्तियां, उद्योगों और गैर सरकारी संगठन के एक हजार से अधिक प्रतिनिधियों के भाग लेने की संभावना है। केन्द्र सरकार का प्रशासनिक सुधार और जन शिकायत विभाग इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा आंध्र प्रदेश सरकार के सहयोग से आयोजन कर रहा है।
सम्मेलन में उद्घाटन सत्र के बाद डिजिटल रूपांतरण विषय पर एक सत्र का आयोजन किया जाएगा। ई-गवर्नेंस के विभिन्न पहलुओं से जुड़े बारह वर्गों में वर्ष 2016-17 के लिए राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे,जिसमें पूर्ण सत्र के लिए विशेष उप विषयों पर विचार विमर्श किया जाएगा।
इन उप विषयों में सरकारी प्रक्रियाओं और सेवा आपूर्ति में बदलाव लाने के लिए सूचना एवं प्रौद्योगिकी के प्रयोग और आंकड़ों के विश्लेषण,साइबर सुरक्षा गवर्नेंस,मौद्रिक लेन देन और रक्षा के संदर्भ में भारत की क्षमताओं के निर्माण,आधार के जरिये कैशलेस भुगतान तथा नकदी को चरणबद्ध ढंग से हटाने आदि विषयों पर विचार-विमर्श किया जाएगा और इनसे निकाले गये निष्कर्षों के आधार पर देश के डिजिटल रूपांतरण के लिए अनुशंसाएं की जाएंगी।
सम्मेलन में ई-गवर्नेंस के विभिन्न पहलुओं से जुड़े बारह वर्गों में वर्ष 2016-17 के लिए राष्ट्रीय ई- गवर्नेंस पुरस्कार भी प्रदान किए जाएंगे। इनमें प्रत्येक वर्ग के लिए स्वर्ण और रजत पदक पुरस्कार प्रदान करेंगे। इसके साथ ही प्रदर्शनी, सांस्कृतिक कार्यक्रम और अन्य कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा।
सम्मेलन में सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेन्द्र सिंह,इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री पी पी चौधरी तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री वाई एस चौधरी समेत कई अन्य केन्द्रीय मंत्री,राज्य के मंत्री,सांसद और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहेंगे।