नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनने के लिए भारत को अब कराधान के निचले स्तर पर जाने की जरूरत है। बजट से पहले जेटली की ये बयान संकेत देता है कि सरकार टैक्स में लोगों को छूट दे सकती है।
जेटली ने कहा कि अब हमें निचले दर के कराधान की जरूरत है, ताकि हम सेवाओं को अधिक प्रतिस्पर्धी बन सकें। प्रतिस्पर्धा घरेलू नहीं, बल्कि वैश्विक है। आप सेवाओं में एक यही महत्वपूर्ण बदलाव महसूस करेंगे। वित्त मंत्री ने यह बात राष्ट्रीय अकादमी के आंतरिक राजस्व सेवा अधिकारियों के 68वें बैच के पेशेवर प्रशिक्षण के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कही।
दीर्घकालीन पूंजीगत लाभ पर कर लगाने की मंशा नहीं: जेटली
इससे पहले जेटली ने साथ ही ये भी स्पष्ट किया कि शेयरों की खरीद-फरोख्त में दीर्घकालीन पूंजीगत लाभ पर कर आरोपित करने का सरकार का कोई इरादा नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुंबई के एक कार्यक्रम के भाषण के संदर्भ में जेटली ने कहा कि मोदी के भाषण की मीडिया में जो व्याख्या की गई, वह सही नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया, मीडिया के एक हलके ने उस भाषण की गलत व्याख्या की है और उसने यह अर्थ निकालना शुरू किया कि इसमें परोक्ष रूप से प्रतिभूतियों के कारोबार में दीर्घकालीन पूंजीगत लाभ पर कर आरोपित किए जा सकने का संकेत है। यह व्याख्या बिल्कुल गलत है। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री ने प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से ऐसा कोई बयान नहीं दिया, इसलिए मैं यह बिलकुल स्पष्ट करना चाहता हूं कि किसी के लिए इस निष्कर्ष पर पहुंचने का कोई आधार नहीं है क्योंकि प्रधानमंत्री ने ऐसा कुछ नहीं कहा है और ना ही सरकार की ऐसी कोई मंशा है जैसा कि मीडिया में कहा गया है।
लोग खुद टैक्स अदा करेंगे- वित्त मंत्री
वित्त मंत्री ने कहा कि अब हमें निचले दर के कराधान की जरूरत है, ताकि हम सेवाओं को अधिक प्रतिस्पर्धी बन सकें। प्रतिस्पर्धा घरेलू नहीं, बल्कि वैश्विक है। आप सेवाओं में एक यही महत्वपूर्ण बदलाव महसूस करेंगे। इसके साथ ही टैक्स चोरी को लेकर उन्होंने कहा कि अब वो दौर जा रहा है जब सरकार से टैक्स चुरा लेना कोई गंभीर बात नहीं थी। जो टैक्स बनता है उसको अदा करना हर नागरिक की जिम्मेदारी है और ऐसा नहीं करने वाले लोगों को बेहद गंभीर नतीजे भुगतने पड़े हैं। उन्होंने कहा कि बीते 70 सालों से हम लोग इसी सोच में जीते रहे कि सरकार से टैक्स की चोरी में कोई बुराई नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसी व्यवस्था और ढांचा बनाने जा रही है जिससे कि लोग स्वयं कर अदा कर सकेंगे।
टैक्स छूट की सीमा बढ़ सकती है 4 लाख रुपए तक
सूत्रों की मानें तो सरकार मौजूदा टैक्स छूट की सीमा को बढ़ाकर 4 लाख रुपए करने पर विचार कर रही है। वर्तमान में टैक्स छूट की लिमिट 2,50,000 रुपए है। अगर टैक्स स्लैब में बदलाव होता है तो 4 लाख तक की कमाई करने को टैक्स देने से छूट मिल जाएगी।