मुंबई। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में बढोतरी तथा नोटबंदी से बनी कमजोर निवेश धारणा के कारण लगातार दूसरे सप्ताह शेयर बाजार में गिरावट देखी गई। आने वाले सप्ताह में भी नववर्ष से पहले कारोबार सुस्त रहने,मासिक सौदा निपटान और अमेरिका के आर्थिक विकास के मजबूत आंकड़ों का दबाव बाजार पर दिख सकता है।
इस बीच जीएसटी परिषद् की 22 और 23 दिसंबर की बैठक में भी केंद्र सरकार तथा राज्यों के बीच कर संग्रह अधिकार को लेकर सहमति नहीं बन पाने के कारण आने वाले सप्ताह में बाजार पर दबाव जारी रह सकता है। अमेरिका में ब्याज दरों में चौथाई फीसदी की बढ़ोतरी तथा अगले साल तीन बार बढ़ोतरी करने की घोषणा के बाद से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक लगातार शेयरों तथा डेट की बिकवाली कर रहे हैं। इससे भी बाजार में बिकवाली का क्रम जारी रह सकता है।