नई दिल्ली। बीते वर्ष रोजगार के नए अवसर सृजित करने और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की उम्मीद छोटे उद्योगों पर टिकी रही और इनके विकास के लिए खरीद नीतियों में आमूल-चूल बदलाव के अलावा अखिल भारतीय स्तर की एक सेवा के गठन का फैसला भी किया गया। सरकार ने वर्ष 2016 के अंत तक केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और एवं मध्यम उद्योग मंत्री कलराज मिश्र का सुझाव स्वीकार कर लिया और उद्योगों के विकास के लिए
भारतीय प्रशासनिक सेवा की तर्ज पर ‘भारतीय उद्यम विकास सेवा’ के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। यह सेवा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय के तहत विकास आयुक्त के अधीन होगी। सरकार के इस निर्णय से नए कैडर का गठन होगा और संबंधित ढांचा बदलेगा। इससे स्टार्टअप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया और मेक इन इंडिया को प्रोत्साहन मिलेगा। सरकार के इस कदम से संगठन की क्षमता और योग्यता में इजाफा होगा तथा छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने का लक्ष्य हासिल किया जा सकेगा।