28 Mar 2024, 16:23:27 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
Business

उर्जित पटेल ने नहीं दी ब्याज दरों में राहत, रेपो रेट 6.25 % पर बरकरार

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Dec 7 2016 3:29PM | Updated Date: Dec 7 2016 3:32PM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

मुंबई। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से मौद्रिक नीति कमेटी के फैसले का ऐलान बुधवार को किया। केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में कोई बदलाव न करने का फैसला किया है, यानी रेपो रेट 6.25 प्रतिशत ही रहेगा। आरबीआई ने कहा कि, चलनिधि समायोजन सुविधा के तहत रेपो रेट को 6.25 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया गया है। गवर्नर उर्जित पटेल की अध्‍यक्षता वाली कमेटी से ब्‍याज दरों में कटौती की उम्‍मीद की जा रही थी।
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 8 नवंबर को किए गए 500, 1000 रुपए के नोट बंद करने के फैसले से भारत कैश-आधारित अर्थव्‍यवस्‍था को चोट पहुंची है। ऐसे में अगर 25 बेसिस प्‍वाइंट की कटौती भी करता तो रेपो रेट करीब 6 प्रतिशत कम हो जाता, जो कि सितंबर 2010 के बाद का न्‍यूनतम स्‍तर होता। रेपो रेट में कटौती से ग्राहकों के लिए ईएमआई कम हो सकती थी।
 
विशेषज्ञों ने चेताया है कि नोटबंदी का असर 2018 तक बरकरार रह सकता है। इसलिए वित्‍त क्षेत्र के एक्‍सपर्ट्स की नजरें बचे हुए वित्‍तीय वर्ष के लिए आरबीआई के ऐलान पर थीं। अगर आरबीआई दरों में कटौती करता तो यह अर्थव्‍यवस्‍था को समर्थन देने की केंद्रीय बैंक की प्रतिबद्धता दर्शाता। जुलाई और सितंबर के बीच हमारी अर्थव्‍यवस्‍था 7.3 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ी है।
 
वैश्विक स्‍तर पर तेज की कीमतें 30 नवंबर के बाद से तेजी से बढ़ी हैं। ओपेक देशों ने ने उत्‍पादन कम करने का ऐलान कर दिया है। इसके घरेलू वृद्धि पर असर को लेकर आर्थिक विशेषज्ञों की चिंता बढ़ गई है।
 
सेंसेक्स बुधवार को शुरूआती कारोबार में 77 अंक चढ़ गया। मौद्रिक नीति की समीक्षा में दरों में कटौती की उम्मीद और स्थिर वैश्विक संकेतों के बीच निवेशकों के बीच लिवाली का दौर चलने से शेयर बाजार में तेजी देखी गई। इसके अलावा डॉलर के मुकाबले रुपया के मजबूत रहने से भी शेयर बाजार को समर्थन मिला। हालांकि जैसे ही रेपो रेट में कोई परिवर्तन न होने का ऐलान हुआ, सेंसेक्‍स में गिरावट देखी गई।
 
500, 1000 रुपए के नोट बंद होने से बैंकों के जमा में तेजी से इजाफा हुआ है। आ‍र्थ‍िक विशेषज्ञों के अनुसार, अगर सरकार रकम निकालने की सीमा बढ़ा भी देती है तो भी बैंकों के पास जमा कुल रकम करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपए तक बढ़ सकती है।
 
क्या है मौद्रिक समीक्षा
रिजर्व बैंक दो महीने के अंतराल पर देश की मॉनिटरी पॉलिसी को दो दिनों तक चलने वाली बैठक में तय करता है। इस बैठक में रिजर्व बैंक से 3 सदस्य और वित्तीय मामलों के 3 जानकार शामिल होते हैं। समीक्षा की अध्यक्षता खुद रिजर्व बैंक गवर्नर करते हैं। 
 
क्या है रेपो रेट
रिजर्व बैंक देश के अन्य बैंकों को जिस ब्याज दर पर कर्ज देता है उसे रेपो रेट कहते हैं। बैंकों के लिए यह रेट अपने ग्राहकों को लोन का ब्याज तय करने के काम आता है। मॉनिटरी पॉलिसी में जब भी रेपो रेट में कटौती की घोषणा की जाती है तो इसका सीधा मतलब होता है कि अब आपके बैंक आपके तमाम तरह के कर्ज को सस्ता कर देंगे। मसलन, होम लोन, वेहिकल लोन इत्यादि कम दरों पर मुहैया होंगे। 
 
क्या है रिवर्स रेपो रेट
देश के सभी बैंकों को एक निश्चित कैश के ऊपर एकत्रित सारा कैश रिजर्व बैंक के करेंसी चेस्ट में जमा कराना पड़ता है।  रिजर्व बैंक इस रिवर्स रेपो रेट पर जमाए कराए गए कैश पर बैंको को ब्याज देता है। इसके माध्यम से रिजर्व बैंक बाजार में करेंसी की उपलब्धता को तय करता है। 
 
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »