मुंबई। टाटा ग्रुप के चेअरमैन पद से हटाए जाने के बाद साइरस मिस्त्री के निशाने पर रतन टाटा आ गए हैं। उन्होंने दिल की भड़ास टाटा बोर्ड को भेजे ई-मेल में निकाली है। मेल में उन्होंने रतन टाटा पर कई आरोप लगाए हैं। मिस्त्री ने कहा है कि ग्रुप में वे सिर्फ नाम के चेअरमैन थे, चलती किसी और की थी। उनके पास काम करने की आजादी तक नहीं थी।
उन्होंने अपने आरोप के लिए टाटा संस के आर्टिकल्स आॅफ एसोसिएशन में बदलाव का हवाला दिया जिससे चेअरमैन के पॉवर में कटौती कर दी गई थी। कंपनियों के कामकाज की भाषा में आर्टिकल आॅफ एसोसिएशन एक ऐसा दस्तावेज होता है जो डायरेक्टरों की जिम्मेदारियां तय करता है।
बोर्ड के फैसले से मैं शॉक्ड
मिस्त्री ने मेल में यह भी लिखा है कि वे बोर्ड के इस फैसले से शॉक्ड हैं। उन्हें अपनी बात रखने का मौका तक नहीं दिया गया। बोर्ड ने अपनी साख के मुताबिक काम नहीं किया। उन्होंने कहा कि टाटा संस और ग्रुप कंपनियों के स्टेक होल्डर्स के प्रति जिम्मेदारी निभाने में डायरेक्टर्स विफल रहे और कॉरपोरेट गवर्नेंस का ख्याल नहीं रखा। मिस्त्री ने टाटा समूह को चेतावनी दी है कि पांच घाटे वाले बिजनेस चलाने की वजह से ग्रुप को 1.18 लाख करोड़ का घाटा हो सकता है।
साइरस की कुर्सी पर इंदिरा नूई हो सकती हैं सवार!
भारत के सबसे पुराने कॉर्पोरेट घराने टाटा उद्योग की बागडोर कौन संभालेगा इस पर अब नजरें गड़ी हैं। भारतीय मूल की पेप्सी कंपनी की सीईओ इंदिरा नूई और वोडाफोन के सीईओ अरुण सरीन इस पद की रेस में सबसे आगे चल रहे हैं।
बन सकता है सलाहकार मंडल
टाटा उद्योग एक चेअरमैन के अलावा इन हाउस टाटा कंपनियों का एक सलाहकार मंडल बना सकता है, जो मिलकर पूरे ग्रुप की रणनीति बनाएगा। इस सलाहकार मंडल में टाटा इंटरनेशनल के नोएल टाटा, टीसीएस के एन. चंद्रशेखरन, ईशांत हुसैन, बी. मुथुरामन (टाटा ग्रुप) हो सकते हैं।
पीएम तक पहुंचा मामला, मिलेंगे मिस्त्री
टाटा का मसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंच गया है। साइरस मिस्त्री ने पीएम मोदी से मिलने का समय मांगा है। चेअरमैन के पद पर रहते हुए मिस्त्री को राजनीतिक पकड़ मजबूत करते हुए देखा गया था। वहीं रतन टाटा ने भी मामले में पीएम को शामिल करते हुए लेटर लिखकर मिस्त्री को हटाए जाने के बारे में जानकारी दी। इससे पहले खबर आई थी कि टाटा ग्रुप में मतभेदों का मामला अदालत तक पहुंच गया है।
सुप्रिया साइरस के बचाव में
साइरस मिस्त्री ने टाटा ग्रुप का चेअरमैन बनाए जाने के बाद अपने परिवार को दिया जाने वाला पूरा समय तथा पारिवारिक व्यापार को कुर्बान कर दिया था, और यह कहना गलत होगा कि उन्होंने उस भूमिका में खराब प्रदर्शन किया, यह कहना है खुद को साइरस तथा उनकी पत्नी रोहिका चागला का करीबी मित्र बताने वाली राकांपा नेत्री सुप्रिया सुले का।
सुप्रिया सुले ने कहा-साइरस मिस्त्री अपने पारिवारिक कारोबार को कामयाबी से चला रहे थे। उन्होंने टाटा को लाभ पहुंचाने के लिए बदलाव लाने की खातिर काफी मेहनत की।