नई दिल्ली। शिखर सम्मेलन से पहले गुरूवार को वित्त मंत्री अरूण जेटली एक संगोष्ठी को संबोधित करेंगे। बेहतर अंतरराष्ट्रीय कराधान प्रक्रिया तथा विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए सर्वश्रेष्ठ वैश्विक व्यवहार पर इस संगोष्ठी में पांचों सदस्य देशों के विशेषज्ञ शामिल होंगे।
संगोष्ठी का विषय ‘ब्रिक्स निवेश प्रवाह’ रखा गया है। इसमें उभरती अर्थव्यवस्थाओं में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश बढ़ाने तथा द्विपक्षीय कर संधि के दुरूपयोग को रोकने के तरीकों पर भी चर्चा होगी।
आर्थिक मामलों के विभाग द्वारा इस संगोष्ठी का आयोजन 13 अक्टूबर को मुंबई में किया जा रहा है। संगोष्ठी में आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव शक्तिकान्त दास और रिजर्व बैंक के अधिकारी शामिल होंगे। ब्रिक्स देशों के विशेषज्ञों के अलावा संगोष्ठी में बहुपक्षीय संगठनों, वित्तीय संस्थानों तथा कारपोरेट क्षेत्र के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आयोजन 15-16 अक्टूबर को गोवा में किया जा रहा है। इससे पहले भारत ने कई कार्यक्रमों का आयोजन किया है। भारत ने नागर विमानन, खुदरा और निजी सुरक्षा सेवओं सहित विभिन्न क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों को सुगम किया है। पिछले तीन साल में देश में शुद्ध एफडीआई प्रवाह बढ़ा है। 2015-16 में यह 40 अरब डॉलर के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया। 2014-15 में यह 31 अरब डॉलर था।